श्वेत पर्पटी – क्षार पर्पटी के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

श्वेत पर्पटी को क्षार पर्पटी भी कहते हैं। यह एक क्लासिकल दवाई है और इसे पेशाब में कठिनाई, पथरी के रोगों में इस्तेमाल किया जाता है।

श्वेत पर्पटी में अमोनियम क्लोराइड, पोटाश एलम और पोटेशियम नाइट्रेट के निर्जलित homogenous मिश्रण शामिल हैं। यह डिस्रुरिया, ऑलिगुरीया, पेट का दर्द, मूत्र पथ के संक्रमण, मूत्र पथरी के उपचार में प्रयोग की जाती है। यह गुर्दे की पथरी के गठन को कम करने में मदद करती है। यह मूत्र पथ के संक्रमणों में मदद करती है। और प्रबंधन करती है। यह मूत्र पथ के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करती है। यह मूत्र में जलन भी कम करती है।

दवा के बारे में इस पेज पर जो जानकारी दी गई है वह इसमें प्रयुक्त जड़ी-बूटियों के आधार पर है। हम इस प्रोडक्ट को एंडोर्स नहीं कर रहे। यह दवा का प्रचार नहीं है। हमारा यह भी दावा नहीं है कि यह आपके रोग को एकदम ठीक कर देगी। यह आपके लिए फायदेमंद हो भी सकती हैं और नहीं भी। दवा के फोर्मुलेशन के आधार और यह मानते हुए की इसमें यह सभी द्रव्य उत्तम क्वालिटी के हैं, इसके लाभ बताये गए हैं। मार्किट में इसी तरह के फोर्मुले की अन्य फार्मसियों द्वारा निर्मित दवाएं उपलब्ध हैं। इस पेज पर जो जानकारी दी गई है उसका उद्देश्य इस दवा के बारे में बताना है। कृपया इसका प्रयोग स्वयं उपचार करने के लिए न करें। हमारा उद्देश्य दवा के लेबल के अनुसार आपको जानकारी देना है।

Shweta Parpati is Ayurvedic medicine containing dehydrated homogenous blending of ammonium chloride, potash alum and potassium nitrate. It is indicated in treatment of dysuria, oliguria, colic, urinary tract infections, urinary calculi and hyperacidity.

It helps in reducing the formation of stone in kidney. It helps and manages urinary tract infections and also helps maintain good urinary tract health. It also reduces burning sensation in the urine. It takes out toxins formed due to residual urine in the body and reduces kidney pain.

Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

  • दवा का नाम: श्वेत पर्पटी Shwet Parpati, Shweta Parpati, Swet Parpati, Svet Parpati
  • उपलब्धता: यह ऑनलाइन और दुकानों में उपलब्ध है।
  • दवाई का प्रकार: आयुर्वेदिक क्लासिकल दवाई
  • मुख्य उपयोग: मूत्र रोग, मूत्राशय रोग, किडनी की पथरी
  • मुख्य गुण: मूत्रल, स्वेदल
  • गर्भावस्था में प्रयोग: नहीं करें

श्वेत पर्पटी के घटक | Ingredients of Shwet Parpati Parpati in Hindi

  • कलमी शोरा – शुद्ध पोटेशियम नाइट्रेट – 16 ग्राम
  • फिटकरी – 2 ग्राम
  • नौसादर – शुद्ध अमोनियम क्लोराइड – 1 ग्राम

कलमी शोरा क्या हैWhat is Kalmi Shora?

पोटैशियम नाइट्रेट (Potassium nitrate) एक रासायनिक यौगिक है। इसका अणसूत्र KNO3 है। यह एक आयनिक लवण है। पोटैशियम नाइट्रेट ‘शोरा’ (niter) नामक खनिज के रूप मिलता है और नाइट्रोजन का प्राकृतिक ठोस स्रोत है।  स्वाद में नमकीन तथा ठण्डा होता है। यह यूरीन एल्कलाइजर (Urine Alkalizer), मूत्रवर्धक (Diuretic),  आल्टरे​टिव (Alterative), ज्वरनाशी (Febrifuse), एक्सपैक्टोरेंट (Expectorant) है।

नौसादर – अमोनियम क्लोराइड क्या है? What is Nausadar?

नौसादर, नवसार, नव्यसार, नवसादर, नरसार, नरसादर, आदि अमोनियम क्लोराइड के नाम हैं। इसे पंजाब में कई स्थानों से निकाला जाता है। अशुद्ध नौसादर को जल में घुलाकर, लवणाम्ल मिलाकर, वाष्पस्वेदन यंत्र में डालकर, पानी उड़ा कर क्रिस्टलीय कर शुद्ध नौसादर प्राप्त किया जाता है।

नौसादर स्वभाव से उष्ण है। यह वात-कफ को कम करता है और कफ रोगों में विशेष रूप से लाभ करता है। इसका सेवन लीवर और आँतों के उत्तेजक है।

फिटकरी क्या हैWhat is Alum?

  • फिटकरी को संस्कृत में स्फटिका, हिंदी में फिटकरी, इंग्लिश में पोटाश एलम कहते है।
  • कांक्षी, तुवरी, स्फटिका, सौराष्ट्री, शुभ्रा, स्फुटिका आदि नामों से जाना जाता है।
  • फिटकरी सफेद, पीले, लाल और कृष्ण की हो सकती है। इसका रासयनिक नाम पोटेशियम एल्युमिनियम सल्फेट है तथा इसका केमिकल फार्मूला KAl(SO4)2.12H2O है।

आयुर्वेद में चिकित्सा के लिए फिटकरी का प्रयोग प्राचीन समय से किया जाता रहा है। चरक संहिता में भी इसके प्रयोग का वर्णन पाया जाता है। रत्न समुच्चय ग्रन्थ में इसे तुवरी कहा गया है। रसतरंगिणी में इसे पित्त-कफ नाशक, ज्वरनाशक, आँखों के रोगों में लाभप्रद, खून के बहने को रोकने वाली, मुख के रोगों, कान रोगों और नाक से खून बहने से रोकने वाली माना गया है।

स्फटिका सूजाक, रक्तप्रदर, खांसी, छाती में दर्द, पुरानी खांसी, निमोनिया आदि में लाभप्रद है। यह शरीर से कफ सुखाती है। इससे खून का बहना रुकता है।

श्वेत पर्पटी कैसे बनाते हैं?

  • पर्पटी बनाने के लिए कलमी सोरे, फिटकी और नौसादर का दरदरा पाउडर बनाया जाता है।
  • सबको मिट्टी के बर्तन में आग पर पकाया जाता है।
  • पकने से सारा द्रव्य पतला तरल हो जाता है।
  • जमीन पर गोबर के उपले रखते हैं और उस पर केले का बड़ा पत्ता रख कर उस पर यह तरल डाला जाता है। ऊपर से केले के दूसरे बड़े पत्ते से डाक दिया जाता है।
  • ठंडा हो जाने पर इसका कपड़छन कर शीशी में भर देते हैं।

श्वेत पर्पटी – क्षार पर्पटी के कर्म | Principle Action in Hindi

  • अनुलोमन: द्रव्य जो मल व् दोषों को पाक करके, मल के बंधाव को ढीला कर दोष मल बाहर निकाल दे।
  • दीपन: द्रव्य जो जठराग्नि तो बढ़ाये लेकिन आम को न पचाए।
  • मूत्रकृच्छघ्न: द्रव्य जो मूत्रकृच्छ strangury को दूर करे।
  • मूत्रल : द्रव्य जो मूत्र ज्यादा लाये। diuretics
  • वातहर: द्रव्य जो वातदोष निवारक हो।
  • श्वास-कासहर: द्रव्य जो श्वशन में सहयोग करे और कफदोष दूर करे।
  • स्वेदल: द्रव्य जो स्वेद / पसीना लाये।

श्वेत पर्पटी के लाभ फायदे | Benefits of Shweta Parpati in Hindi

  • इसका मुख्य प्रभाव किडनी पर होता है।
  • इसका शीतवीर्य गुण है।
  • इसके सेवन से पथरी में लाभ होता है।
  • इसके सेवन से पसीना आता है।
  • इसके सेवन से पेशाब खुल कर आता है।
  • पेशाब में जलन में इसे मिश्री के साथ लेने से जलन कम होती है।
  • यह मन्दाग्नि, अजीर्ण, पेट दर्द, अफारा में लाभप्रद है।
  •  यह कफ कम करती है।

श्वेत पर्पटी के चिकित्सीय उपयोग | Uses of Shweta Parpati in Hindi

  • किडनी स्टोन Renal lithiasis (presence of kidney stones or calculi)
  • पेशाब कम आना Scanty urination
  • पेशाब का इन्फेक्शन Urinary tract infection (UTI)
  • पेशाब रुक जाना Urine retention
  • पेशाव में दर्द Painful urination, Dysuria
  • पेशाब सम्बन्धी विकार Urine related disorders

सेवन विधि और मात्रा | Dosage of Shweta Parpati in Hindi

  • 1-2 रत्ती / 125mg-250mg दिन में दो बार, सुबह और शाम लें।
  • इसे ठन्डे पानी, कच्चे नारियल के पानी, लस्सी के साथ लें।
  • इसे भोजन करने के पहले लें।
  • या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।

पेशाब रोग (मूत्रकृच्छ, मूत्राघात, पथरी) में क्या खाएं?

  • इसबगोल
  • ककड़ी, इलाइची
  • कबाबचीनी
  • कुल्थी
  • गाय के दूध का छाछ मट्ठा
  • घी, दूध
  • छुहारा
  • जौ का पानी
  • धनिया
  • नागकेशर
  • परवल
  • पुराना लाल चावल
  • पेठा
  • भुनी मूंग की डाल
  • मीठा आम आदि।

पेशाब रोग में क्या नहीं खाएं?

  • उबलीभारी भोजन चीजें
  • केला
  • दही
  • मटर, टमाटर, काले चने
  • मसाले दार भोजन
  • राई आदि।

श्वेत पर्पटी के इस्तेमाल में सावधनियाँ Cautions

  • इसका इस्तेमाल चिकित्सक की सलाह के आधार पर 4-6 सप्ताह तक किया जा सकता है।
  • उम्र और ताकत पर विचार करते हुए और किसी वैद्य की विशेषज्ञ सलाह के साथ, दवा का उचित अनुपात में उचित अनुपान के साथ इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
  • इस औषधि को केवल विशिष्ट समय अवधि के लिए निर्धारित खुराक में लें ।
  • इसे बच्चों की पहुँच से दूर रखें।
  • इसे ज्यादा मात्रा में न लें।
  • इसे ठण्डे सूखे स्थान पर रखें।

श्वेत पर्पटी के साइड-इफेक्ट्स | Side effects in Hindi

निर्धारित खुराक में लेने से दवा का कोई दुष्प्रभाव नहीं है।

श्वेत पर्पटी को कब प्रयोग न करें | Contraindications

  • इसे गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान न लें।
  • इसे बताई मात्रा से अधिकता में न लें।
  • यदि दवा से किसी भी तरह का एलर्जिक रिएक्शन हों तो इसका इस्तेमाल नहीं करें।
  • डॉक्टर से परामर्श के बिना कोई आयुर्वेदिक दवाइयां नहीं लें।

उपलब्धता

  • इस दवा को ऑनलाइन या आयुर्वेदिक स्टोर से ख़रीदा जा सकता है।
  • बैद्यनाथ Baidyanath Swet Parpati (10gm) MRP INR 61
  • श्री धूतपापेश्वर Shree Dhootapapeshwar Limited SDL Shweta Parpati MRP INR 63
  • पतंजलि Patanjali Divya Pharmacy SWET PARPATI Price 5 gram @ Rs 10.00
  • तथा अन्य बहुत सी फर्मसियाँ।

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