रसौत (रसांजन) के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

रसौत को दारुहरिद्रा से बनाते हैं। दारुहरिद्रा का बोटैनिकल नाम बर्बेरिस अरिस्टाटा डीसी (बर्बरीकेसी) है तथा इसे आमतौर पर दारूहल्दी और किल्मोड़ा के नाम से जाना जाता है। इसके गुणों को हल्दी के समान कहा जाता है। दारुहरिद्रा उत्तरी हिमालय

प्रवाल पिष्टी तथा प्रवाल भस्म के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

प्रवाल पिष्टी तथा प्रवाल भस्म को मूंगे (अंग्रेजी में कोरल) से तैयार किया जाता है और दोनों में ही एक जैसे गुण पाए जाते हैं। पिष्टी को बनाने में आग का प्रयोग नहीं होता जबकि भस्म आग के इस्तेमाल से

जानिये ताम्र भस्म के नुकसान

आयुर्वेद में धातुओं की भस्म का अत्यधिक महत्व है और आयुर्वेदिक फोर्मुलों में इनका काफी प्रयोग किया जाता है। तांबे के पाउडर, छोटे टुकड़े, या बहुत पतली चादरों के रूप में कॉपर, ताम्र भस्म बनाने की प्रारंभिक सामग्री है। कई

ताम्र भस्म के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

ताम्र भस्म को तांबे जिसे इंग्लिश में कॉपर कहते हैं, से तैयार एक आयुर्वेदिक दवा है जिसे जलोदर, लिवर रोग, अस्थमा, खून की कमी, पुराने श्वशन के रोग, लिवर स्प्लीन बढ़ जाना, पीलिया, खून की कमी, कोलेस्ट्रॉल का ज्यादा स्तर,

चन्दनासव के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

चन्दनासव, शुक्रमेह, पेशाब में जलन, हृदय रोग, ताकत की कमी, इम्युनिटी की कमी, वज़न गिरना, पाचन की कमजोरी आदि में दी जाने वाली आयुर्वेदिक दवा है। चंदनासव एक स्वास्थ्य टॉनिक है। इस दवा तासीर में ठंडी है और शरीर में

महावात विध्वंसन रस का उपयोग

महावत विध्वंसन रस एक शास्त्रीय आयुर्वेदिक दवाई है जिसे गंभीर और कठिनाई से ठीक होने वाले वात विकारों जैसे कि असामान्य तंत्रिकादर्द, मिर्गी, पक्षाघात, गठिया, रूमेटोइड गठिया, ऑस्टियोआर्थराइटिस, पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस, आदि में दिया जाता है। यह बहुत ज़रूरी हैं कि

कांस्य भस्म के फायदे, उपयोग और नुकसान

धातुओं को प्राचीन काल से चिकित्सकीय एजेंट के रूप में प्रयोग किया जाता रहा है। कांसा एक महत्वपूर्ण मिश्र धातु है, जो ताम्र (कॉपर) और वंग (टिन) से बनी है। इसे ब्रोंज, बेल धातु या कांस्य के रूप में जाना

नाग भस्म के फायदे और नुकसान

भस्म पारंपरिक आयुर्वेद की वे दवाएं हैं जिन्हें धातु के थर्मल ट्रीटमेंट प्रोसेस से प्राप्त किया जाता है। इसमें धातु का डिटॉक्सिफिकेशन शुद्धिकरण, थर्मल अपघटन, किया जाता है जिससे धातु के ऑक्साइड या सल्फाइड रूप प्राप्त हों। नाग भस्म, लेड

पतंजलि अभ्रक भस्म Patanjali Abhrak Bhasma

अभ्रक भस्म को विभिन्न रोगों में दवा की तरह से इस्तेमाल किया जाता है। इसके सेवन से धातु की वृद्धि होती है, अंगों को ताकत मिलती है, एवं वीर्य बढ़ाता है। पुरुषों में इसके सेवन से मैथुन करने की शक्ति