बैद्यनाथ प्रोस्टेड के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

बैद्यनाथ प्रोस्टेड एक आयुर्वेदिक दवाई है जो की मूत्र की गड़बड़ी, मूत्र में जलन, पेशाब की रुकावट, पथरी और बढ़े हुए प्रोस्ट्रेट में लाभप्रद है। यह दवा केवल पुरुषों के लिए है। यह एंटीऑक्सीडेंट, सूजन को दूर करने वाली, एंटीसेप्टिक, और मूत्रल दवा है।

पुरुषों में प्रोस्ट्रेट के बढ़ जाने के कारण पेशाब की रूकावट की दिक्कत हो जाती है जिससे पेशाब का संक्रमण, मूत्र करते समय दर्द, ब्लैडर का पूरा न खाली होना आदि परेशानियाँ होने लगती हैं। ऐसे में प्रोस्टेड का सेवन प्रोस्ट्रेट के टिश्यू के बढ़े आकार को कम करने में सहायता करता है, प्रोस्ट्रेट के सही काम करने में सहयोग करता है और मूत्रल गुणों में कारण शरीर में पेशाब के रुकने की समस्या में भी आराम देता है।

इस पेज पर जो जानकारी दी गई है उसका उद्देश्य इस दवा के बारे में बताना है। कृपया इसका प्रयोग स्वयं उपचार करने के लिए न करें।

Prostaid is proprietary Ayurvedic medicine from Shree Baidyanath Ayurved Bhawan. It is indicated in BPH.

Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

  • निर्माता: श्री बैद्यनाथ आयुर्वेद भवन
  • उपलब्धता: यह ऑनलाइन और दुकानों में उपलब्ध है।
  • दवाई का प्रकार: आयुर्वेदिक, प्रोप्राइटरी
  • मुख्य उपयोग: पुरुषों में पौरुष ग्रंथि का बढ़ जाना
  • मुख्य गुण: प्रोस्ट्रेट के सही काम करने में सहयोग करना, मूत्रल
  • मूल्य MRP: BAIDYANATH PROSTAID TABLET 50 tablets @ Rs. 130

बैद्यनाथ प्रोस्टेड के घटक | Ingredients of Baidyanath in Hindi

बैद्यनाथ द्वारा निर्मित प्रोस्टेड के हमें बाजार में दो अलग कम्पोजीशन मिले। एक कम्पोजीशन में शिलाजीत छोड़ कर सभी द्रव्य जड़ी-बूटियाँ हैं, जबकि दूसरे में जड़ी-बूटियों, शिलाजीत के अतिरिक्त स्वर्ण माक्षिक भस्म, प्रवाल भस्म भी है।

Prostaid tablet

Each tablet 550 mg contains:

  1. शुद्ध शिलाजीत Shuddha Shilajeet 80mg
  2. गोखरू Gokhru 100mg
  3. करंज Karanju 80mg
  4. शतावरी Shatavari 80mg
  5. वरुण की छाल Varun Chaal Extract 80mg
  6. चन्दन Chandan 10mg
  7. भावना द्रव्य Bhavana Dravya
  8. कुल्थी Kulthi, बबूल Babul, एलो वेरा Kumari (Each one fourth of the formula)

वरुण आयुर्वेद में मूत्र रोगों के लिए प्रयोग किया जाता है। इसमें मूत्रल गुण है तथा यह गुर्दे की पथरी, पेशाब में जलन, मूत्रकृच्छ आदि में अत्यंत उपयोगी है। वरुण में दीपन, भेदी और वात-कफ हर गुण हैं। यह प्रोस्टेट के साइज़ को बढ़ने से भी रोकता है।

गोखरू आयुर्वेद की एक प्रमुख औषधि है। इस मुख्य रूप से पेशाब रोगों और पुरुषों में यौन कमजोरी के लिए प्रयोग किया जाता है। यह शीतल, मूत्रशोधक, मूत्रवर्धक, वीर्यवर्धक, और शक्तिवर्धक है। इसके सेवन से किडनी/गुर्दे के विकार, प्रजनन अंगों की कमजोरी-संक्रमण, आदि दूर होते हैं।

शिलाजीत पहाड़ों से प्राप्त, सफेद-भूरा मोटा, चिपचिपा राल जैसा पदार्थ है (संस्कृत शिलाजतु) जिसमे सूजन कम करने, दर्द दूर करने, अवसाद दूर करने, टॉनिक के, और एंटी-ऐजिंग गुण होते हैं। इसमें कम से कम 85 खनिजों पाए जाते है। शिलाजीत एक टॉनिक है जो पुरुषों में यौन विकारों के उपचार के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

  1. शिलाजीत रस में अम्लीय और कसैला, कटु विपाक और समशीतोष्ण (न अधिक गर्म न अधिक ठंडा) है।
  2. ऐसा माना जाता है, संसार में रस-धातु विकृति से उत्पन्न होने वाला कोई भी रोग इसके सेवन से दूर हो जाता है। शिलाजीत शरीर को निरोगी और मज़बूत करता है।
  3. यह पुरुषों के प्रमेह की अत्यंत उत्तम दवा है।

सेवन विधि और मात्रा: इसे लेने की मात्रा दिन में तीन बार है। इसे पानी के साथ लेना चाहिए।

या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।

बैद्यनाथ प्रोस्टेड के फायदे | Benefits of Baidyanath Prostaid in Hindi

  1. यह मूत्रल है।
  2. यह पेशाब के रोगों में लाभप्रद है।
  3. यह पेशाब की जलन में राहत देने वाली दवा है।
  4. इसके सेवन से प्रोस्ट्रेट के बढ़ जाने में लाभ होता है।
  5. यह जाने माने ब्रांड बैद्यनाथ द्वारा निर्मित है।

बैद्यनाथ प्रोस्टेड के चिकित्सीय उपयोग | Uses of Baidyanath Prostaid in Hindi

  1. बिनाइन हायपरप्लेजिया ऑफ प्रोस्टेट या बीपीएच BPH (Benign Prostate Hyperplasia)
  2. बढ़ा हुआ प्रोस्ट्रेट Enlarged Prostrate
  3. पेशाब में जलन Burning micturation
  4. पेशाब का शरीर में रुकना Retention of Urine
  5. मूत्र मार्ग की पथरी Urinary Calculi

Benign Prostatic Hyperplasia, BPH क्या है?

  1. बिनाइन हायपरप्लेजिया ऑफ प्रोस्टेट या बीपीएच, प्रोस्टेट या पौरुष ग्रंथि की आयु के साथ होनेवाली असामान्य वृद्धि को कहते है।
  2. प्रोस्टेट ग्रंथि पुरुष प्रजनन प्रणाली हिस्सा है। यह मूत्राशय के नीचे स्थित होती है। मूत्र नलिका इसके बीच से होकर गुजरती है।
  3. प्रोस्टेट ग्रंथि आयु के साथ बढ़ती रहती है। इसके अधिक बढ़ जाने से मूत्र नलिका पर दबाव पड़ता है और वह सिकुड़ जाती है। इस कारण ब्लैडर/मूत्राशय प्रोस्टेट पूरी तरह से खाली नहीं हो पाता और हमेशा उसमें कुछ यूरिन या मूत्र बच जाता है।
  4. शरीर में मूत्र इकठ्ठा हो जाता है और मूत्र सम्बन्धी दिक्कतें हो जाती हैं जैसे की
  5. बार-बार पेशाब करने की इच्छा होना, ख़ासकर रात में
  6. पेशाब का सही से न होना, धार का कमजोर होना, बंद होना फिर होना, बूँद-बूँद मूत्र का जाना
  7. पेशाब जाने के बाद भी पेशाब लगना

सावधनियाँ/ साइड-इफेक्ट्स/ कब प्रयोग न करें Cautions/Side effects/Contraindications in Hindi

  1. इसे बच्चों की पहुँच से दूर रखें।
  2. इसे ज्यादा मात्रा में न लें।
  3. पर्याप्त मात्रा में पानी पियें।
  4. डीहाइड्रेशन न होने दें।
  5. संतुलित आहार लें।
  6. कब्ज़ न होने दें।
  7. इस दवा में कई मूत्रल जड़ी-बूटियाँ हैं, इसलिए जो लोग उच्चरक्तचाप की दवा लेते हैं, डाईयूरेटिक का सेवन करते हैं वे इसके सेवन में विशेष सावधानी रखें।
  8. दवा का परिणाम एक-डेढ़ महीने बाद दिखता है।
  9. दवा के सेवन से यदि जी मिचलाना, उलटी आना, चक्कर आना, कब्ज़, लूज़ मोशन, सिर दर्द आदि हो तो दवा का सेवन रोक दें और डॉक्टर से संपर्क करें।
  10. यदि दवा आपको सूट करे तो, सेवन जारी रखें।

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