कलोंजी को ब्लैक सीड्स भी कहते हैं। इन काले बीजों से बना तेल, कलौंजी तेल कहलाता है। कलौंजी का बोटानिकल नाम निगेल सातिवा है और यह रानुनकुलेसी परिवार का पौधा है।
कलोंजी के तेल को बालों की समस्याओं जैसे बालों के झड़ने, समय से पहले सफ़ेद होने, रूसी, गंजापन, बाल कंडीशनर आदि में इस्तेमाल करते हैं। इसे पेट के कीड़े, अस्थमा, मधुमेह, रक्तचाप, त्वचा रोग, से लेकर अनेकों रोगों में इस्तेमाल किया जाता है। यूनानी में इस सभी रोगों की एक दवा बताया गया है। इसे पोलियों। लकवा, जोड़ों में दर्द, कान के रोग, यौन रोग, पीलिया से लेकर अनेकों रोगों में फायदेमंद माना गया है।
कलुंजी का पौधा आमतौर पर पूर्वी यूरोप, मध्य पूर्व और पश्चिमी एशिया में पाया जाता है। निगेल सातिवा, पतली हरी पत्तियों तथा गुलाबी सफेद और बैंगनी फूलों वाली छोटी झाड़ी है। इसके परिपक्व फल में छोटे बीज होते हैं। काले रंगके इन बीजों को, अरबी में हब्बा अल-सौदा और अंग्रेजी में ब्लैक सीड्स के रूप में जाना जाता है।
कलौंजी को सदियों से कई बीमारियों के लिए प्राकृतिक उपचार के रूप में प्रयोग किया जा रहा है। इसे यूनानी, आयुर्वेद, चीनी और अरबी प्रणालियों में दवा की तरह से प्रयोग करते हैं। इसमें थाइमोक्विनोन, थाइमोहाइड्रोक्विनोन, डिथिमोक्विनोन, थाइमोल, कारवाक्रोल, निगेलिमाइन, निगेलिसिन, निगेलिडाइन और अल्फाहेडरिन सहित कई सक्रिय घटक पाए जाते हैं। यह शरीर के कई अंगों पर चिकित्सीय प्रभाव डालता है।
कलौंजी के बीज में 28 से 36% एसेंशियल तेल होता है जो मुख्य रूप से असंतृप्त फैटी एसिड से बना होता है। इसमें आराचिडोनिक, ईकोसाडियोनिक, लिनोलेइक और लिनोलेनिक और संतृप्त फैटी एसिड होते हैं। कलौंजी के तेल में एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण है जो इसे विशेष रूप से दमे, खांसी के इलाज़ में प्रभावी बनाते है। इसमें गुर्दे की पथरी को विघटित करने, पेट दर्द, दस्त, पेट फूलना आदि के ठीक करने में के भी गुण है।
कलौंजी के तेल के विश्लेषण ने इसमें कुल 32 यौगिकों की पहचान की है जिनमें 9-ईकोसिन (63.04%), लिनोलेइक एसिड (13.48%), पाल्मेटिक एसिड (9.68%) प्रमुख घटक हैं। संतृप्त अल्फाटिक फैटी एसिड 63.04% है। फैटी एसिड और मोनोटेरपेन हाइड्रोकार्बन क्रमशः 23.26% और 4.91% हैं। कलौंजी तेल में फैटी एसिड का उच्च प्रतिशत होता है और एंटीऑक्सीडेंटअधिक होती है।
कलोंजी तेल निम्न रोगों में उपयोगी है
- अस्थमा
- उच्च रक्तचाप
- एलर्जी
- खांसी
- गुर्दा दर्द
- डैंड्रफ
- पक्षाघात
- पीठ दर्द, दांत दर्द, पेट दर्द
- पोलियो
- बाल झड़ना
- मधुमेह
- मोटापा
- रक्तचाप
- संधिशोथ
- सिरदर्द
- सोरायसिस आदि।
कलौंजी के तेल के फायदे Health Benefits of Kalonji Oil | Kalonji Tel | Black Seed Oil
कलौंजी के तेल या काले जीरा से प्राप्त एसेंशियल आयल, एंटीमिक्रोबियल होता है और आंतों के कीड़ों को नष्ट करता है। कई शोधकर्ताओं ने पाया है कलौंजी गैस्ट्रो- और हेपेटोप्रोटेक्टिव है। इस तेल में थाइमोक्विनोन होता है जो सूजन वाले रोगों और रूमेटिज्म के इलाज में उपयोगी है।
कलौंजी, शुगर लेवल को भी कम करती है। यह बुखार में और दर्द में भी राहत देती है। इससे निकाला गया तेल भी यही गुण रखता है।
अस्थमा
कलौंजी दमे में फायदेमंद है। दमे में सांस लेने में दिक्कत होती है। अस्थमा में वायुमार्ग संकीर्ण हो जाते हैं इनमें सूजन और अतिरिक्त श्लेष्म होने लगता है। सांस लेना मुश्किल हो जाता है और खांसी, घरघर की आवाज़ हो सकती है। अस्थमा ठीक नहीं हो सकता है, लेकिन इसके लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है।
- अस्थमा में कलौंजी के तेल को लेने से फायदा हो सकता है। इसमें मौजूद यौगिकों के सूजन को कम करने और कफ कम करने के प्रभाव से अस्थमा के लक्षणों में सुधार हो सकता है।
- अस्थमा और कोल्ड कफ, खांसी में गर्म पानी में 1 चम्मच शहद और आधा चम्मच कलौंजी के तेल मिलाएं और दिन में दो बार लें। इससे सांस नाली की सूजन कम होगी और सांस लेने में होने वाली असुविधा में फायदा होगा।
उच्च रक्तचाप
कलोंजी कोलेस्ट्रॉल को कम करती है और हृदय के लिए फायदेमंद है। एक कप बकरी के दूध में आधा चम्मच कलौंजी तेल मिलाएं और पी लें।
गठिया
कलौंजी के तेल में सूजन कम करने के गुण है। कलौंजी का तेल आधा चम्मच, को सिरका और शहद में मिलाकर जोड़ों पर लगाएं।
घाव
कलोंजी तेल को घाव पर लगाने से घाव जल्दी ठीक होते हैं। ऐसा तेल में मौजूद एंटीमिक्रोबियल और सूजन कम करने के गुण के कारण होता है। घाव पर इसे बाहरी रूप से लगाया जाता है।
कलौंजी के तेल के बालों के लिए फायदे
कलौंजी तेल के तेल से बालों की मालिश करने के बहुत से फायदे हैं। यह बालों के झड़ने को रोकता है। इसमें मौजूद निगेलोन और थिमोक्विनोन शक्तिशाली एंटीहिस्टामाइन हैं तथा एंड्रोजेनिक अल्पेसिया या अल्पेसिया अरेटा में फायदेमंद है। कलौंजी तेल, एंटी-फंगल, जीवाणुरोधी है जो स्कैल्प के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करते हैं।
- कलौंजी तेल, बालों के फोलिकल में वर्णक कोशिकाओं की कमी को रोकता है जिससे बालों का असमय ग्रेयिंग होना रुकता है।
- इसमें एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो बालों की क्षति को रोकते हैं। तेल होने से यह बालों को मॉइस्चराइज और पोषित रखने में मदद करता है। यह बालों के शाफ्ट में नमी में सील करने में करता है। यह तेल उत्पादन को सामान्य करता है।
- गंजापन में दिन में दो बार सिर का तेल रगड़ें। यह गंजापन को रोकने में मददगार है।
- डैंड्रफ़ में कलोंजी तेल, जैतून का तेल और मेहंदी पाउड का मिश्रण सिर पर लगायें और इसे कुछ देर में धो लें। यह डैंड्रफ़ से छुटकारा पाने के लिए विधि उपयोगी है।
सिर में दर्द | आधा सीसी | माइग्रेन
- माइग्रेन का इलाज करने के लिए, सिरदर्द के विपरीत नाक में इस तेल की २-३ बूंद डालें। इससे मालिश करने से भी सिर दर्द में फायदा होता है। इससे माथे पर और कान के पास मालिश करें।
- कलोंजी तेल को आधा चाय चम्मच की मात्रा में दिन में दो बार लेने भी फायदा हो सकता है।
मधुमेह
- डायबिटीज में काली चाय में आधा टीस्पून मिलाकर पियें। ऐसा दिन में एक या दो पियें। ऐसा महीने भर करें और शुगर पर असर देखें।
- कलोंजी तेल की एक दिन में ली जा सकने वाली मात्रा
इसे आप दिन में आधा से एक टी स्पून की डोज़ में ले सकते है।
- कलोंजी तेल को दिन में एक टेबल स्पून से ज्यादा नहीं लेना चाहिए।
- अगर आप इसे ज्यादा डोज़ में लेते हैं तो यह टॉक्सिक है और शरीर के इंटरनल ऑर्गन पर बहुत बुरा असर डाल सकता है।
- २-३ टेबल स्पून की डोज़ से इंटरनल ब्लीडिंग तक हो सकती है।
- इसलिए सावधान, आधा से एक टी स्पून की मात्रा लें। हो सके तो कम से डोज़ लें जो इफेक्टिव हो।
- कलोंजी तेल की बोतल पर पढ़ें लें कि क्या है सेवन के लिए ठीक है। अगर सेव्य है तो ही पिए।
- इसे नाश्ते से पहले शहद के साथ ले सकते हैं।
कलोंजी के तेल के नुकसान
कलोंजी तेल, के बहुत से फायदे हैं। लेकिन कुछ मामलों में इसके साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं। ये साइड इफेक्ट्स हल्के भी हो सकते हैं और गंभीर भी। इसलिए इसके प्रयोग से पहले इन्हें जान लें जिससे आप सावधानी के साथ इसे इस्तेमाल कर सकें।
गर्भावस्था
- गर्भवती महिलाएं को किसी भी उद्देश्य के लिए कलोंजी नहीं लेनी चाहिए। यह गर्भाशय के चिकनी मांसपेशियों में संकुचन कर सकता है।
- कलोंजी को प्रेगनेंसी में इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से गर्भपात हो सकता है।
त्वचा रोग
- कलोंजी के तेल को त्वचा रोगों में लगाते हैं।लेकिन अगर तेल में अशुद्धता है तो इससे घाव खराब हो सकता है। अगर ऐसा होता है, तो तेल का इस्तेमाल नहीं करें। हो सकता है तेल पूरी तरह से शुद्ध नहीं हो।
- कलोंजी के तेल का संभावित दुष्प्रभाव कांटेक्ट से होने वाले त्वचा रोग है। इससे कुछ लोगों में एलर्जी हो सकती है।
रक्तचाप कम होना
कलोंजी तेल, रक्तचाप को कम कर सकता है, खासकर मूत्रवर्धक या एंटीहाइपेर्टेन्सिव दवा के साथ। रक्तचाप में गिरावट मस्तिष्क, दिल और अन्य अंगों में ऑक्सीजन के परिवहन में बाधा डालती है। इसके परिणामस्वरूप थकान, मतली, धुंधली दृष्टि, उथले साँस लेने, चक्कर आना, हल्कापन और चेतना का नुकसान हो सकता है। यदि रक्तचाप बहुत कम हो जाता है, तो यह जीवन खतरनाक हो सकता है। इसलिए उच्च रक्तचाप में इसे सावधानी से लें।
रक्त में शुगर कम होना
अगर पहले से शुगर कम रहता है तो इसके सेवन से और कम हो सकता है। साथ ही अगर शुगर की दवा लें रहें तो भी खून में शर्करा का लेवल नार्मल से नीचे जा सकता है। कम शुगर लेवल एक खतरनाक स्थिति है इसलिए सावधानी से इसका प्रयोग करें।
जहरीला प्रभाव
कलोंजी तेल का ज्यादा मात्रा में सेवन टॉक्सिक हो सकता है।. इसलिए ज्यादा मात्रा में तथा ज्यादा दिन तक इसका आंतरिक इस्तेमाल नहीं करें ।
madam jb indulekha oil se Baal nhi ugte to fir TV PR aid kyu dete he
TV par ad dikhate hain ki deo lagane se ladaki patati hai but aisa nahi hota hai. 🙂