सारस्वत चूर्ण के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

सारस्वत चूर्ण एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक औषधि है। ब्राह्मी, वच, शंखपुष्पि, अश्वगंधा जैसे रसायन द्रव्य हैं। यह मस्तिष्क के लिए टॉनिक है। यह आक्षेप, बेहोशी और नसों की कमजोरी में फायदेमंद है। This is beneficial in epilepsy, seizures, fainting, convulsions, nervous debility and other mental diseases.

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Saraswat Churna is a polyherbal Ayurvedic medicine used to treat epilepsy, psychoses, insomnia, memory loss and depression. The main ingredient of this formulation is Bramhi (Bacopa monnieri L. Pennell), which is used for revitalization of brain and nervous system, nourishing intellectual clarity and sharpness.

Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

  • पर्याय: Saraswatha Choornam, Saraswata Churna
  • उपलब्धता: यह ऑनलाइन और दुकानों में उपलब्ध है।
  • दवाई का प्रकार: हर्बल आयुर्वेदिक दवा, OTC
  • मुख्य उपयोग: दिमागी रोगों को दूर करना
  • मुख्य गुण: मेद्य रसायन

सारस्वत चूर्ण के घटक | Ingredients of Saraswat Churna in Hindi

  • कूठ Kushtha (Rt.) 1 part
  • अश्वगंधा Ashvagandha (Rt.) 1 part
  • सेंधा नमक Lavana (Saindhava Lavana) 1 part
  • अजमोद Ajamoda (Fr.) 1 part
  • सफ़ेद जीरा Shveta Jiraka (Fr.) 1 part
  • काला जीरा Krishna Jiraka (Fr.) 1 part
  • सोंठ Shunthi (Rz.) 1 part
  • काली मिर्च Maricha (Fr.) 1 part
  • पिप्पली Pippali (Fr.) 1 part
  • पाठा Patha (Rt.) 1 part
  • शंखपुष्पि Mangalyapushpi (Shankhapushpi) (Pl.) 1 part
  • वच Vacha (Rz.) 1 part
  • ब्राह्मी स्वरस Brahmi rasa (Brahmi) (Pl.) Q.S. for bhavana

ब्राह्मी / बाकोपा मोनोरिए Bacopa monniera

ब्राह्मी स्वाद में कड़वी, गुण में लघु है। स्वभाव से यह शीत है और मधुर विपाक है। वीर्य का अर्थ होता है, वह शक्ति जिससे द्रव्य काम करता है। आचार्यों ने इसे मुख्य रूप से दो ही प्रकार का माना है, उष्ण या शीत। शीत वीर्य औषधि के सेवन से मन प्रसन्न होता है। यह जीवनीय होती हैं। यह स्तम्भनकारक और रक्त तथा पित्त को साफ़ / निर्मल करने वाली होती हैं।

  • रस (taste on tongue): कड़वी, मधुर
  • गुण (Pharmacological Action): लघु
  • वीर्य (Potency): शीत
  • विपाक (transformed state after digestion): मधुर
  • दोष: त्रिदोष संतुलित करना

विपाक का अर्थ है जठराग्नि के संयोग से पाचन के समय उत्पन्न रस। इस प्रकार पदार्थ के पाचन के बाद जो रस बना वह पदार्थ का विपाक है। शरीर के पाचक रस जब पदार्थ से मिलते हैं तो उसमें कई परिवर्तन आते है और पूरी पची अवस्था में जब द्रव्य का सार और मल अलग हो जाते है, और जो रस बनता है, वही रस उसका विपाक है। मधुर विपाक, भारी, मल-मूत्र को साफ़ करने वाला होता है। यह कफ या चिकनाई का पोषक है। शरीर में शुक्र धातु, जिसमें पुरुष का वीर्य और स्त्री का आर्तव आता को बढ़ाता है। इसके सेवन से शरीर में निर्माण होते हैं।

ब्राह्मी विशेष रूप से दिमाग के लिए फायदेमंद है। यह एक नर्वस टॉनिक, शामक, कायाकल्प, एंटीकनवेल्सेट और सूजन दूर करने वाली औषध है। आयुर्वेद में, ब्राह्मी को भावनात्मक तनाव, मानसिक थकान, स्मृति का नुकसान, और वात विकार को कम करने के लिए दिया जाता है। यह मस्तिष्क के कार्यों, स्मृति और सीखने को बढ़ावा देती है यह मिर्गी, दौरे, क्रोध, चिंता और उन्माद में लाभप्रद है गया है।

ब्राह्मी को वच के साथ देने से शरीर में कफ की मात्रा कम होती है। ब्राह्मी को जीरे के साथ देने से आंते रिलैक्स होती हैं।

शंखपुष्पि

आयुर्वेद में शंखपुष्पि Convolvulus pluricaulis दवा की तरह पूरे पौधे को प्रयोग करते हैं।  शंखपुष्पि उन्माद, पागलपण और अनिद्रा को दूर करने वाली औषध है। यह स्ट्रेस, एंग्जायटी, मानसिक रोग और मानसिक कमजोरी को दूर करती है। शंखपुष्पि एक ब्रेन टॉनिक है।

  • रस: कटु, तिक्त, काषाय
  • वीर्य: शीतल
  • विपाक: कटु
  • गुण: सार
  • दोष पर प्रभाव: कफ-पित्त कम करना
  • शंखपुष्पि पित्तहर, कफहर, रसायन, मेद्य, बल्य, मोहनाशक और आयुष्य है। यह मानसरोगों और अपस्मार के इलाज में प्रयोग की जाने वाली वनस्पति है।

वच

वच को कैलमस रूट, स्वीट फ्लैग, उग्रगंध आदि नामों से जानते हैं। इसका लैटिन नाम एकोरस कैलमस Acorus calamus है। वच का शाब्दिक अर्थ है बोलना, और यह हर्ब कंठ के लिए अच्छी है।

  • रस: कटु, तिक्त, काषाय
  • वीर्य: उष्ण
  • विपाक: कटु
  • गुण: लघु, रूक्ष
  • दोष पर प्रभाव: कफ-वात कम करना, पित्त बढ़ाना

 वच दीपन, पाचन, लेखन, प्रमाथि, कृमिनाशक, उन्मादनाशक, अपस्मारघ्न, और विरेचक है। यह मस्तिष्क के लिए रसायन है और शिरोविरेचन है।

वच को गर्भावस्था में प्रयोग करने का निषेध है।

त्रिकटु

त्रिकटु सौंठ, काली मिर्च और पिप्पली का संयोजन है। यह आम दोष (चयापचय अपशिष्ट और विषाक्त पदार्थों), जो सभी रोग का मुख्य कारण है उसको दूर करता है। यह बेहतर पाचन में सहायता करता है और यकृत को उत्तेजित करता है। यह तासीर में गर्म है और कफ दोष के संतुलन में मदद करता है।

अश्वगंधा

  • अश्वगंधा को असगंध, आसंध और विथानिया, विंटर चेरी आदि नामों से जाना जाता है। इसकी जड़ को सुखा, पाउडर बना आयुर्वेद में वात-कफ शामक, बलवर्धक रसायन की तरह प्रयोग किया जाता है।
  • यह एक टॉनिक दवा है। यह शरीर को बल देती है। असगंध तिक्त-कषाय, गुण में लघु, और मधुर विपाक है। यह एक उष्ण वीर्य औषधि है। यह वात-कफ शामक, अवसादक, मूत्रल, और रसायन है जो की स्पर्म काउंट को बढ़ाती है।

दवा के औषधीय कर्म in Hindi

  • अनुलोमन: द्रव्य जो मल व् दोषों को पाक करके, मल के बंधाव को ढीला कर दोष मल बाहर निकाल दे।
  • आयुष्य: जीवनीय
  • उन्मादहर: उन्माद / पागलपन को दूर करना।
  • कफहर: द्रव्य जो कफ को कम करे।
  • कुष्ठघ्न: द्रव्य जो त्वचा रोगों में लाभप्रद हो।
  • निद्राजनन: नींद लाने वाला। sedative
  • बल्य: ताकत देना।
  • मज्जाधातु रसायन: नसों के लिए लाभदायक।
  • मनोरोग्घ्न: मानसिक रोगों को दूर करना। Alleviates mental diseases
  • मेद्य: बुद्धिवर्धक intellect-promoting
  • वातहर: द्रव्य जो वातदोष निवारक हो।
  • हृदय: द्रव्य जो हृदय के लिए लाभप्रद है।

सारस्वत चूर्ण के लाभ / फायदे | Benefits of Saraswat Churna in Hindi

  • इसका प्रयोग शरीर में ठंडक देता है।
  • यह नेत्रों के लिए हितकर है।
  • यह प्राकृतिक है और किसी के भी द्वारा इस्तेमाल करने के लिए सुरक्षित है।
  • यह बेहोशी, दौरे पड़ना, मसों की कमजोरी को दूर करने वाली दवा है।
  • यह मस्तिष्क के लिए टॉनिक है।
  • यह मानसिक थकावट को कम करती है।
  • यह याददाश्त को बढ़ाती है।
  • यह वात, पित्त, और कफ को संतुलित करती है और त्रिदोषनाशक है।

सारस्वत चूर्ण के चिकित्सीय उपयोग | Uses of Saraswat Churna in Hindi

  • अनिद्रा
  • अपस्मार (Epilepsy) मिर्गी
  • अल्जाइमर
  • अवसाद, तनाव
  • अस्पष्ट भाषा (Incoherent speech)
  • मानस रोग (Mental disorders)
  • मानसिक थकान
  • मानसिक विकार
  • सिर में दर्द
  • स्मरण शक्ति की कमी
  • स्वर को उत्तम करने के लिए
  • स्वर विकार (Aphasia)
  • हकलाना, तुतलाना

मिर्गी में इसके प्रयोग से पहले डॉक्टर से कंसल्ट करें।

सारस्वत चूर्ण की सेवन विधि और मात्रा | Dosage of Saraswat Churna in Hindi

  • 1 ग्राम से 5 ग्राम, दिन में दो बार, सुबह और शाम लें।
  • इसे घी, शहद, दूध, के साथ लें।
  • इसे भोजन करने के बाद लें।
  • या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।

सावधनियाँ/ साइड-इफेक्ट्स/ कब प्रयोग न करें Cautions/Side effects/Contraindications in Hindi

  • गर्भावस्था में कोई दवा बिना डॉक्टर की सलाह के न लें।
  • इसे बच्चों की पहुँच से दूर रखें।
  • इसे ज्यादा मात्रा में न लें।
  • नियमित व्यायाम करें।
  • दवा को अँधेरे और सूखे स्थान पर रखें।
  • यह दवा लम्बे समय तक के लेने के लिए है।
  • गर्भावस्था में इसका सेवन न करें।

उपलब्धता

  • इस दवा को ऑनलाइन या आयुर्वेदिक स्टोर से ख़रीदा जा सकता है।
  • Baidyanath Saraswat Churna
  • Zandu Saraswat Churna
  • Vaidyaratnam Saraswatha Choornam 40 gram Price: Rs 45
  • Arya Vaidya Sala Kottakal Saraswata Churnam
  • Imis Saraswatadi Lehya
  • Vyas Saraswat Churna
  • तथा अन्य बहुत सी फर्मसियाँ।

One thought on “सारस्वत चूर्ण के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

  1. स्मृतिसागर रस, सारस्वत रस, ब्ब्राह्मी वटी मैं खाना चाहती हूँ क्यों की मुझे अवसाद , मानसिक चिंता , भय होता है. कृपया मेरा मार्ग दर्शन करे.

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