अमृत लिव रस के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

अमृत लिव रस, क्योरा द्वारा निर्मित आयुर्वेदिक दवाई है। यह दवा लिवर के रोगों के लिए ली जा सकती है। इसे लीवर के बढ़ जाने, पीलिया, फैटी लीवर और अन्य स्थितियों के उपचार के लिया जा सकता है। इसमें केवल औषधीय वनस्पतियाँ हैं।

दवा के बारे में इस पेज पर जो जानकारी दी गई है वह इसमें प्रयुक्त जड़ी-बूटियों के आधार पर है। हम इस प्रोडक्ट को एंडोर्स नहीं कर रहे। यह दवा का प्रचार नहीं है। हमारा यह भी दावा नहीं है कि यह आपके रोग को एकदम ठीक कर देगी। यह आपके लिए फायदेमंद हो भी सकती हैं और नहीं भी। दवा के फोर्मुलेशन के आधार और यह मानते हुए की इसमें यह सभी द्रव्य उत्तम क्वालिटी के हैं, इसके लाभ बताये गए हैं। मार्किट में इसी तरह के फोर्मुले की अन्य फार्मसियों द्वारा निर्मित दवाएं उपलब्ध हैं। इस पेज पर जो जानकारी दी गई है उसका उद्देश्य इस दवा के बारे में बताना है। कृपया इसका प्रयोग स्वयं उपचार करने के लिए न करें। हमारा उद्देश्य दवा के लेबल के अनुसार आपको जानकारी देना है।

Amrita Liv Ras (Cura) is Herbal Ayurvedic medicine. It is indicated in treatment of liver disease. Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

  • दवा का नाम: अमृत लिव रस Amrita Liv Ras
  • निर्माता: Cura Pharmaceuticals
  • उपलब्धता: यह ऑनलाइन और दुकानों में उपलब्ध है।
  • दवाई का प्रकार: हर्बल आयुर्वेदिक पेटेंटेड दवाई
  • मुख्य उपयोग: लीवर रोग
  • मुख्य गुण: लीवर की रक्षा करना
  • गर्भावस्था में प्रयोग: नहीं करें
  • मूल्य MRP: Amrita Liv Ras 500 ml @ Rs. 155/-

अमृत लिव रस के घटक | Ingredients of Amrita Liv Ras in Hindi

Each 100 ml contains:

  • भूमि आमला Bhumi Amla Phyllanthus niruri 20 mg
  • चिरायता Chiraita Swertia Chirata 20 mg
  • कालमेघ Kalmegh Andrographis paniculata 20 mg
  • कुटकी Kutki Picrorhiza kurroa 20 mg
  • बृहती Brihti Indian Nightshade Solanum indicum 20 mg
  • Preservative
  • सोडियम बेन्जोएट Sodium Benzoate 0.1 %

भूमि आंवला

भूमि आंवला Phyllanthus fraternus Webst. Syn.Phyllanthus niruri Hook. F. non Linn. (Fam. Euphorbiaceae), एक छोटा पौधा है जो बारिश के दिनों में अपने आप ही हर जगह उगता दिख जाता है। इसके पत्ते देखने में आंवले के पेड़ जैसे ही होते हैं। पत्तों की पृष्ठ भाग कर गोल आंवले जैसी ही आकृतियाँ होती हैं। इसलिए इसे भूमि आंवला कहते हैं। भूमि आंवला में phyllanthin और hypophyllanthin कंपाउंड पाए जाते हैं।

दवाई की तरह पूरे पौधे का इस्तेमाल किया जाता है। यह लीवर एंटीहेपाटॉक्सिक antihepatotoxic है और यह लीवर को डैमेज करने से बचाने वाली वनस्पति है। भूमि आंवला लीवर के लिए मुख्य रूप से प्रयोग की जाने वाली दवा है। भूमि आंवला को यकृत विकारों और हेपेटाइटिस बी वायरस में प्रयोग किया जाता है। इसका प्रयोग मूत्रवर्धक, स्रोतों को खोलने वाला, एंटी-इन्फ्लेमाटरी, खून रोकने वाला है।

इसका प्रयोग किया जाता है अपच, पुरानी पेचिश, मूत्र रोग, मधुमेह, त्वचा विस्फोट औ पीलिया में होता है। यह कोलाइटिस, एडिमा, सूजाक, पीरियड्स अधिक ब्लीडिंग, और पेशाब रोगों में भी लाभ करती है।

भूमि आंवला पित्त और कफ को कम करता है लेकिन वात को बढ़ा सकता है। यह मुख्य रूप से पाचन, प्रजनन और पेशाब अंगों पर काम करने वाली दवा है।

भूमि आंवला को गर्भावस्था में नहीं लेना चाहिए।

कालमेघ

कालमेघ को भूनिम्ब भी कहते हैं। यह बहुत कड़वी औषधि है। यह इन्फेक्शन, बुखार, और खून रोकने तथा खून साफ़ करने केलिए प्रयोग की जाने वाली दवा है।

कालमेघ का सेवन बाइल को बढ़ाता है। यह लीवर के इन्फेक्शन और सूजन में उपयोगी है। यह रंजक पित्त को कम करता है। कालमेघ लीवर की रक्षा करता है। यह एंटीवायरल है और हेपेटाइटिस में उपयोगी है। लीवर के धीमे काम करने और फैट के कम पाचन को ठीक करने में इसे प्रयोग करते हैं।

बृहती

बृहती को हिंदी में इसे बड़ी कटेरी, बड़ी भटकटैया, बड़ी कंटेली, बंगाली में भांटा, तिक्त बेगन, मराठी में मोठी डोलरी, गुजराती में डभीभोटीत्रिणी, तामिल में चेरुचुंट और लैटिन में सोलेनम इंडिकम कहते हैं।

वृहती पौधे के फल और जड़ में वैक्स फैटी एसिड्स तथा अल्कालॉयड सोलामाइन और सोलानीडीन पाए जाते हैं। आयुर्वेद में अकेले इसका उपयोग प्रसव बाद कमजोरी, उलटी, अस्थमा, कफ आदि में किया जाता है। यह शोथ हर है और शरीर की सूजन को दूर करती है। मूत्रल होने से इसका प्रयोग मूत्र रोगों में होता है।

अमृत लिव रस के लाभ / फायदे | Benefits of Amrita Liv Ras in Hindi

  • यह लीवर रोगों के लिए उपलब्ध अच्छी दवाई हो सकती है।
  • यह सभी प्रकार के लीवर रोगों में प्रयोग की जा सकती है।
  • यह लीवर फंक्शन को ठीक करने में उपयोगी हो सकती है।
  • यह लीवर की रक्षा करने वाली दवाई है।
  • यह एक लीवर टॉनिक है।

अमृत लिव रस के चिकित्सीय उपयोग | Uses of Amrita Liv Ras in Hindi

  • लीवर रोग Liver diseases (Diseases of liver)
  • फैटी लीवर fatty liver
  • हेपेटाइटिस hepatitis
  • भूख नहीं लगना loss of appetite
  • खून की कमी Anemia
  • पीलिया Jaundice

सेवन विधि और मात्रा | Dosage of Amrita Liv Ras in Hindi

  • 10-20 ml, दिन में दो या तीन बार, सुबह और शाम लें।
  • इसे पानी के साथ लें।
  • या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।

अमृत लिव रस के इस्तेमाल में सावधनियाँ | Cautions in Hindi

  • उम्र और ताकत पर विचार करते हुए और किसी वैद्य की विशेषज्ञ सलाह के साथ, दवा का उचित अनुपात में उचित अनुपान के साथ इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
  • इसे बच्चों की पहुँच से दूर रखें।
  • यह मूत्रल है और इसका सेवन पेशाब अधिक लाता है।

अमृत लिव रस के साइड-इफेक्ट्स | Side effects in Hindi

  • निर्धारित खुराक में लेने से दवा का कोई दुष्प्रभाव नहीं है.
  • यह हर्बल है और लम्बे समय तक लेने के लिए सुरक्षित है।

अमृत लिव रस को कब प्रयोग न करें | Contraindications in Hindi

  • इसे गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान न लें।
  • आयुर्वेद में उष्ण चीजों का सेवन गर्भावस्था में निषेध है। इसका सेवन गर्भावस्था में न करें।
  • यदि दवा से किसी भी तरह का एलर्जिक रिएक्शन हों तो इसका इस्तेमाल नहीं करें।

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