ब्राह्मी वटी स्वर्ण युक्त के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

श्री धूतपापेश्वर लिमिटेड निर्मित ब्राह्मी वटी स्वर्ण युक्त Brahmi Vati Suvarnayukta in Hindi एक आयुर्वेदिक स्वर्णकल्प है जो मेद्य रसयान है। इस दवा का मुख्य संकेत चिंता, मानसिक तनाव और थकान है। यह मस्तिष्क शक्ति और ताकत में सुधार करने के लिए भी फायदेमंद है। यह संवेदी और मोटर अंगों की क्षमता में सुधार करती है और ब्रेन पॉवर और स्मृति को बढ़ावा देती है। यह मस्तिष्क के लिए टॉनिक है। यह आक्षेप, बेहोशी और नसों की कमजोरी में फायदेमंद है।

यह स्वर्ण युक्त दवा है। इसमें स्वर्ण भस्म डाली जाती है जो इसके रसायन गुण को और बढ़ा देती है। ब्राह्मी वटी , सुवर्ण भस्म के साथ ब्रह्मी, शंखपुष्पि, वच, जटामांसी आदि का संयोजन है। यह उत्कृष्ट मस्तिष्क टॉनिक है और मस्तिष्क कोशिकाओं को पोषण देती है। यह मस्तिष्क से संबंधित समस्याओं के प्रबंधन में मदद करती है। यह तनाव से मुक्त होने और तनाव से संबंधित विकारों से निपटने में भी मदद करती है।

दवा के बारे में इस पेज पर जो जानकारी दी गई है वह इसमें प्रयुक्त जड़ी-बूटियों के आधार पर है। हम इस प्रोडक्ट को एंडोर्स नहीं कर रहे। यह दवा का प्रचार नहीं है। हमारा यह भी दावा नहीं है कि यह आपके रोग को एकदम ठीक कर देगी। यह आपके लिए फायदेमंद हो भी सकती हैं और नहीं भी। दवा के फोर्मुलेशन के आधार और यह मानते हुए की इसमें यह सभी द्रव्य उत्तम क्वालिटी के हैं, इसके लाभ बताये गए हैं। मार्किट में इसी तरह के फोर्मुले की अन्य फार्मसियों द्वारा निर्मित दवाएं उपलब्ध हैं। इस पेज पर जो जानकारी दी गई है उसका उद्देश्य इस दवा के बारे में बताना है। कृपया इसका प्रयोग स्वयं उपचार करने के लिए न करें। हमारा उद्देश्य दवा के लेबल के अनुसार आपको जानकारी देना है।

इस दवा को चिकित्सा पर्यवेक्षण के तहत प्रयोग करें।

यह पेज ब्राह्मी वटी स्वर्ण युक्त के बारे में हिंदी में जानकारी देता है जैसे कि दवा का कम्पोज़िशन, उपयोग, लाभ/बेनेफिट्स/फायदे, कीमत, खुराक/ डोज/लेने का तरीका, दुष्प्रभाव/नुकसान/खतरे/साइड इफेक्ट्स/ और अन्य महत्वपूर्ण ज़रूरी जानकारी।

  • ब्राह्मी वटी स्वर्ण युक्त में मौजूद सामग्री क्या हैं?
  • ब्राह्मी वटी स्वर्ण युक्त के उपयोग upyog क्या हैं?
  • ब्राह्मी वटी स्वर्ण युक्त के फायदे faide क्या हैं?
  • ब्राह्मी वटी स्वर्ण युक्त के दुष्प्रभाव या नुकसान nuksan क्या हैं?
  • ब्राह्मी वटी स्वर्ण युक्त को कब नहीं लेते हैं?
  • ब्राह्मी वटी स्वर्ण युक्त के संभावित दवा interaction क्या हैं?
  • ब्राह्मी वटी स्वर्ण युक्त से जुड़ी चेतावनियां और सुझाव क्या हैं?

Brahmi Vati Suvarnayukta (Shree Dhootapapeshwar Ltd) is Herbomineral Ayurvedic medicine. It is Suvarnakalpa with excellent Medhya, Mastishka Balya and Rasayan action. It is indicated in treatment of stress diseases, memory disturbance and promote capacity of sensory as well as motor organs, intelligence and memory. Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

  • दवा का नाम: ब्राह्मी वटी स्वर्ण युक्त Brahmi Vati Suvarnayukta
  • निर्माता: श्री धूतपापेश्वर लिमिटेड
  • उपलब्धता: यह ऑनलाइन और दुकानों में उपलब्ध है।
  • दवाई का प्रकार: स्वर्ण कल्प
  • मुख्य उपयोग: मानसिक तनाव और थकान
  • मुख्य गुण: एंग्जायटी और रक्तचाप कम करना, शरीर को बल देना
  • दोष इफ़ेक्ट: त्रिदोषहर

मूल्य MRP:

  • 1 Packet of 10 tablet at MRP ₹ 374
  • 1 Packet of 30 tablet at MRP MRP ₹ 1071

ब्राह्मी वटी स्वर्ण युक्त के घटक | Ingredients of Brahmi Vati Suvarnayukta in Hindi

Each tablet contains

  • स्वर्ण भस्म Suvarna Bhasma 1.5 mg
  • ब्राह्मी Brahmi 100 mg
  • वच Vacha 50 mg
  • शंखपुष्पि Shankhapushpi 50 mg
  • गिलोय Guduchi 25 mg
  • जटामांसी Jatamansi 25 mg
  • भावना Bhavana – Brahmi, Shankapushpi, Jatamansi, Guduchi

जाने प्रमुख द्रव्यों को

स्वर्ण भस्म

सुवर्ण, कनक, हेम, हाटकं, ब्रह्मकंचन, चामिकरा, शतकुम्भ, तपनीय, रुक्कम जाबूनद हिरण्य, सुरल, व जातरूपकम आदि सभी सोने अर्थात स्वर्ण के नाम हैं।

स्वर्ण की भस्म में सोना बहुत ही सूक्ष्म रूप में (नैनो मीटर 10-9) विभक्त होता है। इसके अतिरिक्त इसके शोधन और मारण में बहुत सी वनस्पतियाँ प्रयोग की जाती हैं। इन कारणों से स्वर्ण की भस्म शरीर की कोशिकायों में सरलता से प्रवेश कर जाती हैं और इस प्रकार यह शरीर का हिस्सा बन जाती हैं।

आयुर्वेद में स्वर्ण भस्म का विशेष स्थान है। यह शारीरिक और मानसिक शक्ति में सुधार करने वाली औषध है। यह हृदय और मस्तिष्क को विशेष रूप से बल देने वाली है। आयुर्वेद में हृदय रोगों और मस्तिष्क की निर्बलता में स्वर्ण भस्म को सर्वोत्तम माना गया है।

स्वर्ण भस्म आयुष्य है और बुढ़ापे को दूर करती है। यह भय, शोक, चिंता, मानसिक क्षोभ के कारण हुई वातिक दुर्बलता को दूर करती है। स्वर्ण भस्म को बल (शारीरिक, मानसिक, यौन) बढ़ाने के लिए एक टॉनिक की तरह दिया जाता रहा है। यह रसायन, बल्य, ओजवर्धक, और जीर्ण व्याधि को दूर करने में उपयोगी है। स्वर्ण भस्म का सेवन पुराने रोगों को दूर करता है। यह जीर्ण ज्वर, खांसी, दमा, मूत्र विकार, अनिद्रा, कमजोर पाचन, मांसपेशियों की कमजोरी, तपेदिक, प्रमेह, रक्ताल्पता, सूजन, अपस्मार, त्वचा रोग, सामान्य दुर्बलता, अस्थमा समेत अनेक रोगों में उपयोगी है।

शंखपुष्पि

  • आयुर्वेद में शंखपुष्पि Convolvulus pluricaulis दवा की तरह पूरे पौधे को प्रयोग करते हैं।
  • शंखपुष्पि उन्माद, पागलपण और अनिद्रा को दूर करने वाली औषध है। यह स्ट्रेस, एंग्जायटी, मानसिक रोग और मानसिक कमजोरी को दूर करती है। शंखपुष्पि एक ब्रेन टॉनिक है।
  • रस: कटु, तिक्त, काषाय
  • वीर्य: शीतल
  • विपाक: कटु
  • गुण: सार
  • दोष पर प्रभाव: कफ-पित्त कम करना
  • शंखपुष्पि पित्तहर, कफहर, रसायन, मेद्य, बल्य, मोहनाशक और आयुष्य है। यह मानसरोगों और अपस्मार के इलाज में प्रयोग की जाने वाली वनस्पति है।

ब्राह्मी / बाकोपा मोनोरिए Bacopa monniera

ब्राह्मी स्वाद में कड़वी, गुण में लघु है। स्वभाव से यह शीत है और मधुर विपाक है। वीर्य का अर्थ होता है, वह शक्ति जिससे द्रव्य काम करता है। आचार्यों ने इसे मुख्य रूप से दो ही प्रकार का माना है, उष्ण या शीत। शीत वीर्य औषधि के सेवन से मन प्रसन्न होता है। यह जीवनीय होती हैं। यह स्तम्भनकारक और रक्त तथा पित्त को साफ़ / निर्मल करने वाली होती हैं।

  • रस (taste on tongue): कड़वी, मधुर
  • गुण (Pharmacological Action): लघु
  • वीर्य (Potency): शीत
  • विपाक (transformed state after digestion): मधुर
  • दोष: त्रिदोष संतुलित करना

विपाक का अर्थ है जठराग्नि के संयोग से पाचन के समय उत्पन्न रस। इस प्रकार पदार्थ के पाचन के बाद जो रस बना वह पदार्थ का विपाक है। शरीर के पाचक रस जब पदार्थ से मिलते हैं तो उसमें कई परिवर्तन आते है और पूरी पची अवस्था में जब द्रव्य का सार और मल अलग हो जाते है, और जो रस बनता है, वही रस उसका विपाक है। मधुर विपाक, भारी, मल-मूत्र को साफ़ करने वाला होता है। यह कफ या चिकनाई का पोषक है। शरीर में शुक्र धातु, जिसमें पुरुष का वीर्य और स्त्री का आर्तव आता को बढ़ाता है। इसके सेवन से शरीर में निर्माण होते हैं।

ब्राह्मी विशेष रूप से दिमाग के लिए फायदेमंद है। यह एक नर्वस टॉनिक, शामक, कायाकल्प, एंटीकनवेल्सेट और सूजन दूर करने वाली औषध है। आयुर्वेद में, ब्राह्मी को भावनात्मक तनाव, मानसिक थकान, स्मृति का नुकसान, और वात विकार को कम करने के लिए दिया जाता है। यह मस्तिष्क के कार्यों, स्मृति और सीखने को बढ़ावा देती है यह मिर्गी, दौरे, क्रोध, चिंता और उन्माद में लाभप्रद है।

वच

  • वच को कैलमस रूट, स्वीट फ्लैग, उग्रगंध आदि नामों से जानते हैं। इसका लैटिन नाम एकोरस कैलमस Acorus
  • calamus है। वच का शाब्दिक अर्थ है बोलना, और यह हर्ब कंठ के लिए अच्छी है।
  • रस: कटु, तिक्त, काषाय
  • वीर्य: उष्ण
  • विपाक: कटु
  • गुण: लघु, रूक्ष
  • दोष पर प्रभाव: कफ-पित्त कम करना, पित्त बढ़ाना
  • वच दीपन, पाचन, लेखन, प्रमाथि, कृमिनाशक, उन्मादनाशक, अपस्मारघ्न, और विरेचक है। यह मस्तिष्क के लिए रसायन है और शिरोविरेचन है।
  • वच को गर्भावस्था में प्रयोग करने का निषेध है।

दवा के औषधीय कर्म

  • आयुष्य: जीवनीय
  • उन्मादहर: उन्माद / पागलपन को दूर करना।
  • निद्राजनन: नींद लाने वाला। sedative
  • प्रजनाशक्तिवर्धन: मेद्य को बढ़ाना।
  • बल्य: ताकत देना।
  • मज्जाधातु रसायन: नसों के लिए लाभदायक।
  • मनोरोग्घ्न: मानसिक रोगों को दूर करना। Alleviates mental diseases
  • मेद्य: बुद्धिवर्धक intellect-promoting
  • वातहर: वायु को संतुलित करना।
  • हृदय: हृदय के लिए लाभकारी।

ब्राह्मी वटी स्वर्ण युक्त के फायदे | Benefits of Brahmi Vati Suvarnayukta in Hindi

  • इसका प्रयोग शरीर में ठंडक देता है।
  • यह आवाज़ सम्बन्धी दोषों को दूर करती है।
  • यह नेत्रों के लिए हितकर है।
  • यह प्राकृतिक है और इस्तेमाल करने के लिए सुरक्षित है।
  • यह बेहोशी, दौरे पड़ना, मसों की कमजोरी में लाभप्रद दवा है।
  • यह मस्तिष्क के लिए टॉनिक है।
  • यह मानसिक थकावट को कम करती है।
  • यह मासिक सम्बन्धी दिक्कतों में लाभ करती है।
  • यह याददाश्त को बढ़ाती है।
  • यह यौन कमजोरी को दूर करती है।
  • यह वात, पित्त, और कफ को संतुलित करती है और त्रिदोषनाशक है।
  • यह वीर्य दोष को दूर करती है।
  • यह स्वरभंग, हकलेपन और बोलने की दिक्कतों को दूर करती है।

ब्राह्मी वटी स्वर्ण युक्त के चिकित्सीय उपयोग | Uses of Brahmi Vati Suvarnayukta in Hindi

  • अनिद्रा
  • अल्जाइमर
  • अवसाद, तनाव
  • उन्माद Unmada (Mania/Psychosis)
  • भूलने की बिमारी
  • मनोदशा Manodosha (Mental disorder)
  • मानस रोग (Mental disorders)
  • मानसिक थकान
  • मानसिक विकार
  • मिर्गी Apasmara (Epilepsy)
  • सिर में दर्द
  • स्मरण शक्ति की कमी

सेवन विधि और मात्रा | Dosage of Brahmi Vati Suvarnayukta in Hindi

  • 1-2 गोली, दिन में दो बार या तीन बार लें अथवा रुग्णावस्था के अनुसार लें।
  • इसे शहद, दूध, सरस्वतारिष्ट अथवा पानी के साथ लें।
  • इसे भोजन करने के बाद लें।
  • या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।

ब्राह्मी वटी स्वर्ण युक्त के इस्तेमाल में सावधनियाँ | Cautions in Hindi

  • उचित खुराक उपयोगकर्ता की उम्र, स्वास्थ्य और कई अन्य स्थितियों जैसे कई कारकों पर निर्भर करती है। उचित खुराक निर्धारित करने के लिए पर्याप्त वैज्ञानिक जानकारी नहीं है।
  • ध्यान रखें कि प्राकृतिक उत्पाद हमेशा सुरक्षित हों ऐसा जरूरी नहीं हैं।
  • इसका इस्तेमाल चिकित्सक की सलाह के आधार पर 1 से 2 महीने तक किया जा सकता है।
  • उम्र और ताकत पर विचार करते हुए और किसी वैद्य की विशेषज्ञ सलाह के साथ, दवा का उचित अनुपात में उचित अनुपान के साथ इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
  • इस औषधि को केवल विशिष्ट समय अवधि के लिए निर्धारित खुराक में लें।
  • इस दवा को डॉक्टर की देख-रेख में ही लें।
  • इसे ज्यादा मात्रा में न लें।

ब्राह्मी वटी स्वर्ण युक्त के साइड-इफेक्ट्स | Side effects of Brahmi Vati Suvarnayukta in Hindi

निर्धारित खुराक में लेने से दवा का कोई दुष्प्रभाव नहीं है।

कब प्रयोग न करें Contraindications

  • इसे बताई मात्रा से अधिकता में न लें।
  • यदि दवा से किसी भी तरह का एलर्जिक रिएक्शन हों तो इसका इस्तेमाल नहीं करें।
  • इसमें वच है जिसे प्रेगनेंसी में नहीं लिया जाता।

भंडारण निर्देश

  • सूखी जगह में स्टोर करें।
  • इसे बच्चों की पहुँच से दूर रखें।

दवा के बारे में पूछे जाने वाले कुछ सवाल

क्या इस दवा को एलोपैथिक दवाओं के साथ ले सकते हैं?

हाँ, ले सकते हैं। लेकिन दवाओं के सेवन में कुछ घंटों का गैप रखें।

क्या ब्राह्मी वटी स्वर्ण युक्त को होम्योपैथिक दवा के साथ ले सकते हैं?

ले तो सकते हैं। लेकिन इस से हो सकता है कि दोनों ही दवाएं काम नहीं करें। इसलिए, दवा के असर को देखना ज़रूरी है।

ब्राह्मी वटी स्वर्ण युक्त को कितनी बार लेना है?

  • इसे दिन में 2 बार / 3 बार लेना चाहिए।
  • इसे दिन के एक ही समय लेने की कोशिश करें।

क्या दवा की अधिकता नुकसान कर सकती है?

दवाओं को सही मात्रा में लिया जाना चाहिए। ज्यादा मात्रा में दवा का सेवन साइड इफेक्ट्स कर सकता है।

क्या ब्राह्मी वटी स्वर्ण युक्त सुरक्षित है?

हां, सिफारिश की खुराक में लेने के लिए सुरक्षित है।

ब्राह्मी वटी स्वर्ण युक्त का मुख्य संकेत क्या है?

उन्माद, अपस्मार, भ्रम, आक्षेप, मनोदुर्बल्या, अनिद्रा, स्मुतिमंद्य, मानसिक तनाव, चिंता और थकान।

ब्राह्मी वटी स्वर्ण युक्त का वात-पित्त या कफ पर क्या प्रभाव है?

त्रिदोषहर।

क्या इसमें गैर-हर्बल सामग्री शामिल है?

हाँ, यह एक स्वर्णकलप है ।

मैं यह दवा कब तक ले सकता हूँ?

आप इसे 1-2 महीने के लिए ले सकते हैं।

ब्राह्मी वटी स्वर्ण युक्त लेने का सबसे अच्छा समय क्या है?

इसे भोजन के बाद लिया जाना चाहिए एक ही समय में दैनिक रूप में लेने की कोशिश करें।

क्या ब्राह्मी वटी स्वर्ण युक्त एक आदत बनाने वाली दवा है?

नहीं।

क्या ब्राह्मी वटी स्वर्ण युक्त लेने के दौरान ड्राइव करने के लिए सुरक्षित है?

हाँ।

क्या मैं इसे गर्भावस्था के दौरान ले सकती हूँ?

नहीं।

क्या एक मधुमेह व्यक्ति इसे ले सकता है?

हाँ।

क्या इसे बच्चों को दे सकते हैं?

सही स्वास्थ्य समस्या और सही खुराक जानने के लिए चिकित्सक की सलाह लें।

इस दवा को चिकित्सा पर्यवेक्षण के तहत प्रयोग करें।

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