कौंच वीर्यवर्धक, मधुर, पुष्टिकारक, भारी, वातनाशक, बलदायक और कफ, पित्त तथा रुधिरवकार नाशक है। इसके बीज वात नाशक और अत्यंत वाजीकारक हैं।
Contents
कौंच एक लता जाती की वनौषधि है। यह पेड़ पर चढ़ कर बढती है। इसकी शखाएं मोती मोती हैं जिन पर सरसों की तरह रोम होते है। इसकी लता त्रिपत्री होती है। लता पर होने वाले रोम के स्पर्श से तेज खुजली होती है जिसे खुजलाने से शोथ हो जाता है जिसे सद्यःशोथ कहते हैं। कौंच के बीज सेम के आकार के होते हैं। फूल बड़े-बड़े बैगनी रंग के सेम की ही तरह होते है। कौंच लता के बीजों, पत्तों और जड़ों को औषधि की तरह प्रयोग किया जाता है। (Read More In English)
स्थानीय नाम Vernacular Names
- SANSKRIT : Kapikacchu कपिकच्छु, आत्म गुप्ता , रिश्यप्रोक्ता, मर्कटी , अजता, लांगली, शूक शिम्बी
- ASSAMESE : Banar Kakua बानर ककुआ
- ENGLISH : Cowhage काऊ हेज प्लांट, Velvet beans वेलवेट बीन्स
- GUJRATI : Kavach, Kaucha कवच कौंच
- HINDI : Kewanch, Kaunch केवांच, कवाछु
- KANNDA: Nasugunne, Nasugunnee, नुसुगुन्नेई
- MALYALAM: Naikuruna
- MARATHI : Khajkuhilee, Kavach
- ORIYA : Baikhujnee
- PUNJABI : Tatgajuli, Kawach
- TAMIL : Poonaikkaliपुन्नैक्कली
- TELUGU: Doolagondi, Duradagondi
- URDU : Kanwach, Konch कवंच कोंच
- वैज्ञानिक नाम : मुकुना प्रुरिअंस (Carpopogon pruiens ;Dolichos pruiens)
कौंच के गुण
कौंच वीर्यवर्धक, मधुर, पुष्टिकारक, भारी, वातनाशक, बलदायक और कफ, पित्त तथा रुधिरवकार नाशक है। इसके बीज वात नाशक और अत्यंत वाजीकारक हैं। यह कृमिनाशक, कामोद्दीपक, कसैले, टॉनिक है। यह प्रजनन अंगों के लिए सबसे अच्छा टॉनिक और कामोत्तेजक है।
आयुर्वेदिक गुण और कर्म
- रस (स्वाद): तिक्त, मधुर
- गुण (विशेषताएँ): गुरु/भारी, रुक्ष/सूखा, स्निग्ध/चिकना,
- वीर्य (शक्ति): शीत/ठंडा
- विपाक (पाचन के बाद प्रभाव): मधुर
कर्म
- कफ शामक
- वात नाशक
- रक्त दोष हर
- बल्य, पुष्टिकारक, वीर्यवर्धक
- वाजीकारक (रिप्रोडक्टिव टॉनिक / कामोद्दीपक)
पदार्थ संगठन
राल, टैनिन, वसा, फिक्स्ड आयल, आल्कलाय्ड Alkaloid, 3,4-डीहडरोक्सीफीनयलएलानिन 3,4-Dihydroxyphenylalanine
औषधि की तरह प्रयोग के लिए मात्रा
मूल का ताज़ा रस (स्वरस): १२ ml
बीज का चूर्ण: १-५ ग्राम तक।
आत्मगुप्ता के बीज नाड़ियों को ताकत देनेवाले, स्रावकारी व वृष्य हैं। प्रदर, लिकोरिया, मासिक धर्म की समस्या, वात व्याधि, पार्किंसंस के लिए, और पैरालिसिस में इसका सेवन औषध के रूप में किया जाता है। अपच, पेट का दर्द, दुर्बलता, सूजन, नपुंसकता, बांझपन, roundworm, वीर्यपात आदि में कौंच के बीज का प्रयोग अच्छा असर दिखाता है। कौंच के बीज को दूध में पका के वीर्य की शिकायतों, शुक्रक्षीणता और पक्षाघात में प्रयोग किया जाता है।
how to use of kaunch seeds
कौंच बीज का चूर्ण: १-५ ग्राम तक, दिन में दो बार ले सकते हैं, ध्यान रहे बहुत ज्यादा न ले.
Kaunch ke beej ka direct powder kar sakte hai ya usi alag process hoti hai powder bananeki
direct powder bhi le sakate hain lekin sirf nirdharit matra men. (1-5 gm subah sham)