पतंजलि दिव्य गुलकंद के फायदे और नुकसान

पतंजलि गुलकंद Patanjali Gulkand in Hindi, एक क्लासिकल हर्बल उत्पाद है जिसे देसी गुलाब के फूलों की पंखुड़ियों से चीनी मिश्रित कर बनाया गया है। गुलकंद बना कर गुलाब की पंखुड़ियों को मीठे रूप में संरक्षित किया जाता है। यह एक आयुर्वेदिक टॉनिक है। इसे खाने से शरीर में शीतलता आती है और गर्मी-धूप से होने वाली आम परेशानियों जैसे फोड़े फुंसी, त्वचा समस्याएं, नकसीर फूटना, अपच, सूजन, अल्सर आदि मेंलाभ होता है।

गुलकंद बनाने का तरीका बहुत सरल है तथा इसे बनाने के लिए गुलाब के फूलों की ताज़ा पंखुड़ियाँ और चीनी की ज़रूरत होती है।

गुलकंद को बनाने के लिए, गुलाब की पंखुड़ियों को साफ़ किया जाता है और किसी कांच के ढक्कन लगे जार में डाला जाता है। इसमें चीनी मिलाई जाती है। चीनी से इसका स्वाद तो बढ़ता ही है साथ ही यह एक नेचुरल प्रेज़रवेटिव की तरह भी काम करती है। जार को रोज़ धूप में रखते हैं और साफ़ चम्मच से रोज मिक्स करते हैं। यह दो-तीन सप्ताह में धूप से पक जाता है। अगर आप इसे घर में बना रहे हैं तो इसमें इलाइची, प्रवाल पिष्टी और शंख भस्म भी मिला सकते हैं। इन्हें डालने से गुलकंद की शीतलता देने के गुण में वृद्धि होती है।

गुलकंद पुराने समय से बनाया जाता रहा है। ऐसा माना जाता है कि गुलकंद भारत में तुर्क द्वारा 7 सेंचुरी एडी में लाया गया। गुलकंद का नाम फ़ारसी-अरबी से आया है। मूल फारसी में ‘गुल’ गुलाब को और ‘कंद’ अरबी में मीठे को कहते हैं।

गुलकंद को गर्मियों में खाया जाता है क्योंकि इसे खाने से शरीर में शीतलता आती है और गर्मी के रोग दूर होते हैं। यह थकावट, सुस्ती, खुजली, दर्द और पीड़ा जैसी सभी गर्मी से संबंधित समस्याओं को कम करने में फायदेमंद है। गुलकंद के बहुत से स्वास्थ्य लाभ हैं। यह पेट की एसिडिटी को कम करता है तथा कब्ज रोकता है और गर्मी संबंधी समस्याओं का इलाज करता है। गुलकंद एक उत्कृष्ट रक्त शोधक भी है और शरीर विषाक्त पदार्थों को हटा देता है। घरेलू उपाय की तरह इसे गर्मी की समस्याओं जैसे मुंह के अल्सर, गर्मी के चकत्ते, गर्मी फोड़े, खुजली और दर्द, हीट स्ट्रोक, नकसीर फूटना, प्यास अधिक लगना आदि में प्रयोग किया जा सकता है। यह तनाव और थकान में राहत देता है, पेट में अल्सर, त्वचा के फोड़े फुंसी, हीट से रैश आदि इसके सेवन से दूर होते हैं।

यह शरीर को ताकत देता है और ठंडक लाता है। इसको खाने से गुलाब की पंखुड़ियों के एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव शरीर को मिलते हैं। इसके अतिरिक्त गुलकंद के अन्य बहुत से हेल्थ बेनेफिट्स हैं।

इसे खाने का कोई नुकसान नही है। इसे सभी खा सकते हैं। केवल उन लोगों को छोड़ कर जिन्हें कम चीनी खाने की सलाह है या डायबिटीज है। यह पेज पतंजलि गुलकंद के बारे में हिंदी में जानकारी देता है जैसे कि दवा का कम्पोज़िशन, उपयोग, लाभ/बेनेफिट्स/फायदे, कीमत, खुराक/ डोज/लेने का तरीका, दुष्प्रभाव/नुकसान/खतरे/साइड इफेक्ट्स/ और अन्य महत्वपूर्ण ज़रूरी जानकारी।

Patanjali Gulkand is Herbal Ayurvedic medicine. It is sweet Jam like preparation of Rose petals and sugar. It has sweet taste and cooling potency. It reduces pitta and gives relief in Pitta related disorders such as bleeding disorders, boils, inflammation etc. It is nutritive, strengthening, immunity boosting and rejuvenating. Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

  • दवा का नाम: पतंजलि गुलकंद Patanjali Gulkand
  • अन्य नाम: Rose petal jam, Rose petal jelly
  • निर्माता: पतंजलि
  • उपलब्धता: यह ऑनलाइन और दुकानों में उपलब्ध है।
  • दवाई का प्रकार: हर्बल
  • मुख्य उपयोग: गर्मी से होने वाली परेशानियों को दूर करना
  • मुख्य गुण: ठंडक देना
  • दोष इफ़ेक्ट: पित्त कम करना
  • मूल्य MRP: 400 gram @ Rs 52.00

पतंजलि गुलकंद के घटक | Ingredients of Patanjali Gulkand in Hindi

  • गुलाब की पंखुड़ियां
  • चीनी

पतंजलि गुलकंद के फायदे | Benefits of Patanjali Gulkand in Hindi

  • इसका उपयोग पीरियड्स की समय दर्द होने के इलाज के लिए किया जा सकता है।
  • इसे खाने से आंखों में सूजन और लाली में कमी आती है।
  • इसे लेने से भूख में सुधार होता है।
  • कब्ज़ रहती हो, तो रात को सोने से पहले उध के साथ एक चम्मच गुलकंद खाना चाहिए।
  • गुलकंद के 1 – 2 चम्मच उपभोग करने से अम्लता और पेट की गर्मी कम हो जाती है।
  • गुलकंद मुंह के अल्सर का इलाज करने में मदद करता है, दांतों और मसूड़ों को मजबूत करता है।
  • गुलकंद में थकावट, सुस्ती, खुजली, दर्द और पीड़ा को कम करने के गुण हैं।
  •  गुलकंद शरीर से विषाक्त पदार्थों को हटाने और खून को शुद्ध करने में मदद करता है।
  • धूप में बाहर निकलने से पहले दो चम्मच गुलकंद खाने से शरीर में ठंडक रहती है जिससे नकसीर फूटना व तेज गर्मी से होने वाले अन्य दोष दूर होते हैं।
  • यह अत्यधिक पसीना और खराब शरीर की गंध को कम करने में मदद करता है।
  • यह अल्सर के इलाज में भी मदद करता है और आंत में सूजन को रोकता है।
  • यह एक बहुत अच्छा पाचन टॉनिक है।
  • यह एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट और एक बहुत अच्छा कायाकल्प टॉनिक है।
  • यह कब्ज़ और पाचन समस्याओं को सुधारने में मदद करता है।
  • यह तंत्रिका तंत्र पर एक शांत प्रभाव है, इस प्रकार तनाव को कम करने में मदद करता है।
  • यह तलवों और हथेलियों में जलन को कम करने में भी मदद करता है।
  • यह दांतों और मसूड़ों को मजबूत करने और शरीर में अम्लता का उपचार करता है।
  • यह फ्लूइड रिटेंशन की समस्या में लाभप्रद है क्योंकि यह मूत्र उत्पादन में वृद्धि करने में मदद करता है।
  • यह मासिक धर्म दर्द से राहत में प्रभावी है।
  • यह योनी से अत्यधिक सफेद डिस्चार्ज की समस्या का इलाज करने में भी सहायक है।
  • यह शरीर में पित्त और गर्मी में कमी लाने वाली औषध है।

पतंजलि गुलकंद के चिकित्सीय उपयोग | Uses of Patanjali Gulkand in Hindi

  • गुलकंद को गर्मियों के दिनों में खाया जाता है। इस पित्त सम्बंधित समस्याएं और गर्मी के कारण होने वाले उपद्रव दूर होते हैं। इसमें विरेचक के गुण भी होते है जिससे कब्ज़ में राहत होती है।
  • गुलकंद में दीपन, हृदय, शुक्रल, मेद्य और त्रिदोष को संतुलित करने के गुण होते है।
  • एंग्जायटी anxiety
  • गर्मी के दोष red tongue tip, agitation, palpitations and headaches behind the eyes
  • त्वचा के रोग eczema, psoriasis, urticaria, itching and irritation
  • पाचन की दिक्कतें जैसे constipation, ulcers, inflammation, acidity, enteritis and heartburn
  • मासिक की दिक्कतें excessive menstrual bleeding
  • योनि में इन्फेक्शन-सूजन vaginal infections and inflammation
  • हाथ-तलुओं में जलन burning sensation in soles and palms

सेवन विधि और मात्रा | Dosage of Patanjali Gulkand in Hindi

  • 1-2 चम्मच की मात्रा में इसे दिन में एक से दो बार ले सकते है।
  • कब्ज़ में इसे दूध के साथ लें।

पतंजलि गुलकंद के साइड-इफेक्ट्स | Side effects in Hindi

निर्धारित खुराक में लेने से दवा का कोई दुष्प्रभाव नहीं है।

पतंजलि गुलकंद को कब प्रयोग न करें Contraindications

  • डायबिटीज में इसे नहीं लेना चाहिए।
  • कम चीनी खाने की सलाह है, तो इसे नहीं खाएं।
  • पाचन बहुत कमज़ोर है तो इसे नहीं खाएं।

भंडारण निर्देश

  • सूखी जगह में स्टोर करें।
  • डब्बे में से गुलकंद साफ़ और सूखे चम्मच से निकालें।

उपलब्धता

इस दवा को ऑनलाइन या आयुर्वेदिक स्टोर से ख़रीदा जा सकता है।

दवा के बारे में पूछे जाने वाले कुछ सवाल

क्या इस दवा को एलोपैथिक दवाओं के साथ ले सकते हैं?

हाँ, ले सकते हैं। लेकिन दवाओं के सेवन में कुछ घंटों का गैप रखें।

क्या पतंजलि गुलकंद को होम्योपैथिक दवा के साथ ले सकते हैं?

हाँ, ले सकते हैं।

पतंजलि गुलकंद को कितनी बार लेना है?

इसे ज़रूरत अनुसार दिन में 1 बार अथवा 2 बार अथवा 3 बार लेना चाहिए।

क्या पतंजलि गुलकंद सुरक्षित है?

हां, सुरक्षित है।

पतंजलि गुलकंद का मुख्य संकेत क्या है?

पित्त दोष, शरीर में अधिक गर्मी के कारण होने वाले रोग।

पतंजलि गुलकंद का वात-पित्त या कफ पर क्या प्रभाव है?

  • वात कम करना।
  • पित्त कम करना।
  • कफ कम करना ।

क्या इसमें गैर-हर्बल सामग्री शामिल है?

नहीं।

मैं यह दवा कब तक ले सकता हूँ?

आप इसे कई महीने ले सकते हैं।

पतंजलि गुलकंद लेने का सबसे अच्छा समय क्या है?

इसे भोजन के बाद लिया जाना चाहिए। एक ही समय में दैनिक रूप में लेने की कोशिश करें।

क्या पतंजलि गुलकंद एक आदत बनाने वाली दवा है?

नहीं।

क्या यह दिमाग की अलर्टनेस पर असर डालती है?

नहीं।

क्या पतंजलि गुलकंद लेने के दौरान ड्राइव करने के लिए सुरक्षित है?

हाँ।

क्या मैं इसे पीरियड्स के दौरान ले सकती हूँ?

इसे लिया जा सकता है।

क्या मैं इसे गर्भावस्था के दौरान ले सकती हूँ?

हाँ।

क्या एक मधुमेह व्यक्ति इसे ले सकता है?

नहीं।

क्या इसे बच्चों को दे सकते हैं?

हाँ।

दवा की बोतल खोलने के बाद इसे कितने दिन में प्रयोग कर लें?

  • इसे जल्दी से जल्दी इस्तेमाल करना सही रहता है।
  • दवा को गंदे हाथों से नहीं छुएं।

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