कसीस भस्म के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

कसीस भस्म, को कमजोरी और दुर्बलता के उपचार के लिए प्रयोग किया जाता है। इसके सेवन से शरीर में खून की कमी/एनीमिया तथा इसके कारण होने वाले उपद्रव दूर होते है। कसीस भस्म जिगर और तिल्ली के रोगों के लिए भी दी जाती है।

कसीस, आयरन के सल्फेट को कहा जाता है। यह हरे रंग का होता है और आयुर्वेद के अनुसार इसके दो प्रकार हैं। पहला वालुका कसीस और दूसरा पुष्पकसीस। बालू कसीस को धातु कसीस के नाम जाना जाता है। यह खनिज और कृत्रिम दोनों प्रकार का होता है। पुष्प कसीस को आयुर्वेद में औषधीय इस्तेमाल के लिए प्रयोग करते है। कसीस को आयुर्वेद में बताये तरीके के अनुसार पहले शुद्ध किया जाता है और फिर उसकी भस्म बनायी जाती है जिसे कसीस भस्म कहा जाता है।

कसीस भस्म, को कमजोरी और दुर्बलता के उपचार के लिए प्रयोग किया जाता है। इसके सेवन से शरीर में खून की कमी/एनीमिया तथा इसके कारण होने वाले उपद्रव दूर होते है। कसीस भस्म जिगर और तिल्ली के रोगों के लिए भी दी जाती है।

Kasis Bhasma is a mineral preparation of Ayurveda. It is prepared from iron sulphate. It is hot in potency, astringent and sour in taste. It has alterative, diuretic and hematinic action. It is indicated in liver and spleen enlargements, consumption, anemia, skin diseases, eye diseases etc. Kasis Bhasma is especially beneficial in low hemoglobin level and associated disorders.

Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

कसीस भस्म के घटक | Ingredients of Kasisa Bhasma in Hindi

कसीस, भृंगराज पौधे का रस

कसीस भस्म के लाभ | Benefits of Kasisa Bhasma in Hindi

  • कसीस भस्म स्वाभाविक रूप से रक्त की गिनती बढ़ाने में मदद करता है।
  • इसके सेवन से हीमोग्लोबिन और रक्त कोशिकाओं की संख्या बढ़ जाती है।
  • यह एनीमिया और अन्य रक्त विकारों के लिए एक उपयोगी आयुर्वेदिक दवा है।
  • यह जिगर और तिल्ली को पोषण प्रदान करता है।
  • यह जिगर और तिल्ली पर काम करता है और उनके सामान्य कामकाज करने में सहयोग करता है।
  • इसके सेवन से शरीर के किसी भी भाग की सूजन दूर होती है।
  • यह इम्युनिटी/प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाता है।
  • यह शरीर के सभी भागों को शक्ति प्रदान करता है और दुर्बलता और कमजोरी का इलाज करने में मदद करता है।
  • यह शरीर की कोशिकाओं को पोषण प्रदान करता है।

कसीस भस्म के चिकित्सीय उपयोग | Uses of Kasisa Bhasma in Hindi

कसीस भस्म खून की कमी, लीवर-स्पलीन के बढ़ जाने, क्षय, पेट के रोग, दर्द, रोग के बाद होने वाली कमजोरी, पाचक पित्त की कमी आदि में अच्छे प्रभाव दिखाता है.

  • एनीमिया और अन्य रक्त विकार
  • जिगर और तिल्ली की वृद्धि
  • सूजन
  • दुर्बलता
  • एनीमिया
  • त्वचा रोग
  • क्षय रोग
  • श्वेत कुष्ठ
  • आम-विकार
  • पेट के रोग
  • नेत्र रोग
  • मासिक धर्म में रूकावट
  • मासिक धर्म अनियमितताओं के लिए

कसीस भस्म की सेवन विधि और मात्रा | Dosage of Kasisa Bhasma in Hindi

  • 125mg-360 mg दिन में दो बार, सुबह और शाम लें।
  • इसे रोग अनुसार अनुपान के साथ लें।
  • पेट रोग में त्रिकटू और शहद के साथ; क्षय रोग में चौंसठ प्रहरी पिप्पल के साथ; लीवर-स्पलीन के बढ़ जाने पर शहद और गो-मूत्र के साथ; और सफेद दाग में त्रिफला और वायविडंग चूर्ण के साथ।

या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।

इस दवा को ऑनलाइन या आयुर्वेदिक स्टोर से ख़रीदा जा सकता है।

You can buy this medicine online or from medical stores.

This medicine is manufactured by Baidyanath (Kashis Bhasma), Patanjali Divya Pharmacy (Divya kasis Bhasma) and many other Ayurvedic pharmacies.

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