रजोनिवृत्ति Menopause in Hindi

मासिक धर्म के स्थायी रूप से बंद हो जाने को रजोनिवृत्ति(Menopause) कहा जाता है। इसे अंग्रेजी में मेनोपाज़ कहा जाता है जिसका शाब्दिक अर्थ है, मासिक (मेनो) का रुक जाना (पाज़)। रजोनिवृत्ति हो जाने के बाद स्त्रियों में गर्भधारण होना संभव नहीं होता।

मेनोपाज़ होने के कुछ वर्ष पहले से ही स्त्रियों के शरीर में बदलाव आने शुरू हो जाते है। ऐसा उनमें एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन हॉर्मोन के स्तर के बदलने से होता है। जब मासिक एक वर्ष तक नहीं आता तो यह माना जा सकता है की मेनोपाज हो चुका है। मासिक धर्म आना किशोरावस्था में शुरू होता है और पचास वर्ष की आयु के आस-पास और कुछ महिलाओं में चालीस वर्ष की आयु के बाद हो सकता है। मेनोपौज़ होने की औसत आयु इक्यावन वर्ष मानी गयी है।

कुछ कारणों से रजोनिवृत्ति जल्दी भी हो सकती है। उदाहरण के लिए यदि महिला का ऑपरेशन कर ओवरी/डिम्बाशय, गर्भाशय हटा दिया गया है तो भी माहवारी आना रुक जाता है। इसी प्रकार यदि महिला धूम्रपान करती है, तो मेनोपॉज़ जल्दी भी हो सकता है।

पर्याय:

  1. Climacteric
  2. Menopause
  3. Midlife crisis

रजोनिवृत्ति क्या है? Definition

रजोनिवृत्ति, वह स्थिति है जब स्त्रियों में मासिकधर्म होना बंद हो जाता है।

You can also read Ayurvedic management of menopausal syndrome

कब माने रजोनिवृत्ति हो गयी?

यदि एक वर्ष तक मासिक धर्म न हो तो माना जा सकता है, रजोनिवृत्ति या मेनोपॉज़ हो गया।

किस उम्र तक मेनोपौज़ होता है? Age of Menopause

यूँ तो मासिक धर्म बंद होना बहुत से कारकों पर निर्भर है, जैसे की स्वास्थ्य, किसी तरह का प्रजनन अंगों का रोग, जेनेटिक कारण आदि लेकिन अधिकाँश मामलों में यह महिलायों के जीवन के माध्काल अर्थात चालीस से पचपन की उम्र के बीच होता है।

रजोनिवृत्ति क्यों होती है? Reason for Menopause

रजोधर्म बंद हो जाने का मतलब है, अब ओवरी से अंडाणु का निकलना बंद हो चुका है।

हर महिला अंडाशय (ओवरी) में सीमित संख्या के अंडाणुओं (एग्स) साथ पैदा होती है। अंडाशय से ही एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन भी बनाए जाते हैं, जो माहवारी और नियंत्रित करते हैं। रजोधर्म शुरू होने के बाद से हर महीने एक अंडाणु ओवरी से निकलता है।

जब अंडाशय से सभी अंडाणु निकल जाते हैं और उसमें कोई अंडाणु नहीं रह जाता तो, मासिक धर्म आना बंद हो जाता है। यही रजोनिवृत्ति कहलाता है।

रजोनिवृत्ति 40 साल की उम्र के बाद होना पूरी तरह से सामान्य है।

प्राकृतिक रूप से रजोनिवृत्ति कैसे होती है? Natural Process of Maenopause

प्राकृतिक रजोनिवृत्ति जो की बिना किसी अन्य मेडिकल के कारण है, वह क्रमिक होती है और मुख्य रूप से तीन में बांटी जा सकती है,

पेरीमेनोपॉज़ Perimenopause: यह आमतौर पर रजोनिवृत्ति होने से कई साल पहले शुरू होता है, जब अंडाशय से निकलने वाले एस्ट्रोजन का स्तर धीरे-धीरे कम होने लगता है। यह समय रजोनिवृत्ति हो जाने तक कहा जा सकता है।

मेनोपौज़ जब होने वाला होता है, तो एस्ट्रोजन में गिरावट ज्यादा हो जाती है और तब कई महिलाओं में रजोनिवृत्ति के लक्षण दिखने लगते है।

रजोनिवृत्ति Menopause: यह वह समय है जब ओवरी ने एस्ट्रोजन का निर्माण बंद कर दिया है और महिला को मासिक धर्म आये हुए एक वर्ष हो चुका है।

मेनोपॉज़ के बाद Postmenopause: यह रजोनिवृत्ति के बाद का समय है। इस समय महिलाओं को मेनोपौज़ल लक्षण तो नहीं होते लेकिन एस्ट्रोजन के न बनने से बहुत सी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

रजोनिवृत्ति के लक्षण क्या हैं? Sign and Symptoms of Menopause

  1. महिलाओं में रजोनिवृत्ति के विभिन्न संकेत या लक्षण देखे जा सकते है।
  2. मासिक के आने में कुछ बदलाव
  3. मासिक का अनियमित होना irregular
 periods
  4. मासिक का कुछ समय तक, जैसे की 2-4 महीने न आना और फिर होने लगना
  5. मासिक का बहुत दिनों तक होना excessive, longer periods
  6. योनि में सूखापन vaginal
dryness, vaginal 
atrophy
(thinning
 of
the
vaginal 
tissue
  7. हॉट फ्लैशेस या अचानक से बहुत पसीना आ जाना sweating/hot
flashes
  8. रात को बहुत पसीना आना night sweat
  9. नींद की समस्या insomnia
  10. मूड में चिड़चिड़ापन anxiety,
nervousness 
and 
depression
  11. एकाग्रता में कमी loss of focus
  12. बालों का झड़ना hair loss
  13. वज़न बढ़ जाना weight gain
  14. धीमा मेटाबोलिज्म slow metabolism
  15. त्वचा का रूखा होना skin dryness
  16. स्तनों का ढीला और सिकुड़ जाना sore 
breasts
  17. जोड़ों का दर्द joint
 pain
  18. पेशाब न रोक पाना bladder 
incontinence

रजोनिवृत्ति के बाद किन रोगों के होने की संभावना बढ़ जाती है? Risk factor

रजोनिवृत्ति के बाद शरीर में स्त्री हॉर्मोन की कमी हो जाती है जिससे कुछ रोगों के होने की सम्भावना बढ़ जाती है। शरीर में महिला हॉर्मोन के कम होने से कोलेस्ट्रोल लेवल बढ़ जाता है जिसके कारण हृदय रोग हो सकता है। हड्डियों का घनत्व कम हो जाता है। स्त्री होरमोन न होने से योनि में सूखापन हो जाता है। कुछ महिलायों में चेहरे पर बाल भी उग जाते हैं।

  1. हृदय रोग cardiovascular disease
  2. हड्डियों का कमज़ोर होना Osteoporosis
  3. पेशाब को न रोक पाना Urinary incontinence
  4. सेक्स के दौरान सूखापन Sexual function
  5. वज़न बढ़ना Weight gain

कौन से टेस्ट हैं जो की मेनोपॉज़ होने से पहले किये जाते हैं? Tests for Menopausal symptoms

कई बार महिलाओं में मेनोपॉज़ होने के कई वर्ष पहले मासिक सम्बन्धी दिक्कतें होने लगती है। ऐसे में डॉक्टर से परमर्श लिया जाता है। डॉक्टर कुछ टेस्ट करवाते हैं जिससे यह निश्चित तौर पर जाना जा सके यह पेरीमेनोपौज़ लक्षण है और पूरी तरह से सामान्य है अथवा शरीर में अन्य किसी प्रकार का प्रजनन अंग सम्बन्धी रोग है:

1- फोलिकल स्टीमुलेटिंग होरमोन Follicle-stimulating hormone (FSH): फोलिकल स्टीमुलेटिंग होरमोन का स्तर बढ़ जाता है।

2- एस्ट्रोजन estrogen (estradiol): एस्ट्रोजेन का स्तर कम हो जाता है।

3- टीएसएच Thyroid-stimulating hormone (TSH): थायराइड उत्तेजक हार्मोन (टीएसएच), का टेस्ट इसलिए किया जाता है क्योंकि underactive थायराइड (हाइपोथायरायडिज्म) भी रजोनिवृत्ति जैसे ही लक्षण पैदा कर सकता है।

रजोनिवृत्ति के लक्षणों को कम करने के लिए कौन सी एलोपैथिक दवाएं हैं? Allopathic medicines

  • एस्ट्रोजन थेरेपी Hormone therapy
  • कम मात्रा में एंटीडेप्रेसंट Low-dose antidepressants
  • ओस्टोपोरेसिस osteoporosis को रोकने वाली दवाएं

पौधे जिनमें फाइटोएस्ट्रोजन पाए जाते हैं? Phytoestrogen containing medicine

  1. Aloe barbadensis Mill.एलोवेरा
  2. Asparagus racemosus शतावरी
  3. Balasmodendron myrrha Nees. बोल
  4. Calendula officina lisL कैलेंडुला
  5. Crocus sativus Linn। केशर
  6. Cyperus rotundus Linn. मोथा
  7. Foenicum vulgare Mill. सौंफ
  8. Gymnema sylvestre गंभारी
  9. Nigella sativa कलोंजी
  10. Ocimum Sanctum तुलसी
  11. Phoenix sylvestris Roxb खजूर
  12. Pimpinella anisum Linn. एनिस
  13. Pueraria tuberosa विदारीकन्द
  14. Rubia cordifolia Linn. मंजिष्ठ

रजोनिवृत्ति के लिये कौन सी आयुर्वेदिक दवाएं लाभदायक हैं? Ayurvedic Medicines for Menopause

आयुर्वेद में रजोनिवृत्ति के लक्षणों से राहत पाने के लिए उन दवाओं का प्रयोग किया जाता है जिनमे फाइटोएस्ट्रोजन यानिकी पादप में पाए जाने वाले एस्ट्रोजन होते हैं। इन दवाओं के सेवन से शरीर को बल मिलता है।

  1. अशोकारिष्ट Ashokarishta
  2. अश्वगंधा चूर्ण Ashwagandha churna
  3. प्रवाल पिष्टी Pravel Pishti
  4. मेनोकेयर MenoCare
  5. दश्मूलारिष्ट Dashmularishta
  6. पुष्यानुग चूर्ण Pushyanug Churna
  7. सुपारी पाक Supari Pak
  8. ओवोटोलाइन फोर्ट Zandu Ovoutoline Forte (for Pre-menopausal symptoms)
  9. हेमपुष्पा Hempushpa

कुछ लाभदायक टिप्स Some Useful Tips

  1. ऐसे भोजन का सेवन करें जो की शरीर में वात कम करे।
  2. यदि वात-दोष बढ़ा है जिसके कारण निद्रा की समस्या है, अवसाद है, एंग्जायटी है तो वात / वायु बढ़ाने वाले भोजन का सेवन न करें।
  3. यदि पित्त बढ़ा है जिसके कारण क्रोध, चिड़चिड़ापन, हॉट फ्लैशेज हैं, पसीना आता है, तो पित्त कम करने वाले भोजन का सेवन करें।
  4. यदि कफ बढ़ा है जिसके कारण, शरीर में भारीपन है, मोटापा है, थकावट रहती है, तो कफ कम करने वाले भोजन का सेवन करें।
  5. मेनोपौज़ के दौरान दूध,फल, हरी सब्जियां, मोटा अनाज खाना चाहिए। दैनिक निर्धारित कैल्शियम की मात्रा को ज़रूर लें।
  6. नियमित रूप से व्यायाम करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.