विषम ज्वरान्तक लौह (पुटपक्व) के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

विषम ज्वरान्तक लौह, आयुर्वेदिक दवा है जिसे किसी भी कारण से होने वाले बुखार के उपचार में प्रयोग किया जाता है।

विषम ज्वरान्तक लौह, आयुर्वेदिक दवा है जिसे किसी भी कारण से होने वाले बुखार के उपचार में प्रयोग किया जाता है। इस दवाई में शुद्ध पारा, शुद्ध गंधक, तथा भस्में (लौह, स्वर्ण, ताम्र, अभ्रक, वंग, प्रवाल, मोती, शंख, शुक्ति) है। यह विषम ज्वर की अचूक दवा मानी जाती है।

यह शरीर में वात तथा कफ दोष को दूर करती है। इसके सेवन से शरीर में आमदोष कम होता है। लोहा होने से यह रक्त धातु को पोषित करती है। यह लीवर, प्लीहा की वृद्धि और पीलिया में लाभप्रद है। यकृत रोग, पूरे शरीर में सूजन, मूत्र रोगों में भी यह लाभप्रद है।

ऐसी आयुर्वेदिक दवाएं जिनमें भारी धातुयें होती हैं उन्हें केवल चिकित्सा की देखरेख में लिया जाना चाहिए। इन दवाओं को कम दिन के लिए, कम मात्रा में दिया जाता है जो की रोग और रोगी के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है।

Visham Jwarantak Lauha (Putapakwa) is a mineral and metallic containing medicine of Ayurveda. It is indicated in treatment of fever due to variety of reasons such as vitiation of Vata, pitta, Kapha, fever due to viral infection, fever due to excessive Kapha, fever due to liver disease, intermittent fever etc. This medicine should be taken under direct medical supervision.

Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

विषम ज्वरान्तक लौह (पुटपक्व) के घटक | Ingredients of Visham Jwarantak Lauha (Putapakwa) in Hindi

  • हिंगुला सम्भव सूत (पारद) शुद्ध 4 Parts
  • गंधक शुद्ध 4 Parts
  • हेमा (स्वर्ण) भस्म 1 Parts
  • लौह भस्म 8 Parts
  • ताम्र भस्म 8 Parts
  • अभ्रक भस्म 8 Parts
  • वंग भस्म 2 Parts
  • प्रवाल भस्म 2 Parts
  • मुक्ता भस्म 1 Parts
  • शंख भस्म 1 Parts
  • शुक्ती भस्म 1 Parts

विषम ज्वरान्तक लौह (पुटपक्व) के फायदे | Benefits of Visham Jwarantak Lauha (Putapakwa) in Hindi

  • यह दवा सभी प्रकार के बुखार और जीर्ण ज्वर में उपयोगी है।
  • यह पाचन को बेहतर बनाती है।
  • यह पित्त और कफ को शांत करती है।
  • इसमें लौह भस्म है इसलिए यह एनीमिया के उपचार में उपयोगी है।
  • यह यकृत के लिए अच्छी दवाई है।
  • यह कमजोरी को दूर कर शरीर को शक्ति देती है।
  • इसके सेवन से आमदोष दूर होता है।

विषम ज्वरान्तक लौह (पुटपक्व) के चिकित्सीय उपयोग | Uses of Visham Jwarantak Lauha (Putapakwa) in Hindi

  • सभी प्रकार के बुखार
  • विषमज्वर/आंतरायिक बुखार Intermittent fever
  • जीर्णज्वर/क्रोनिक बुखार Chronic fever
  • अरुची Tastelessness
  • ग्रहणी Malabsorption syndrome
  • दस्त/अतिसार Diarrhea
  • पेट में गांठ/गुल्म Abdominal lump
  • प्लीहा रोग Splenic disease
  • पीलिया, प्लीहा वृद्धि, एनीमिया Jaundice, spleen enlargement, anemia
  • सूजन
  • मूत्र का अत्यधिक प्रवाह, मूत्रकृच्छ (Dysuria)
  • कास (खांसी)
  • अस्थमा/श्वास (Dyspnea/Asthma)
  • आम दोष (Products of impaired digestion and metabolism / consequences of Ama)

सेवन विधि और मात्रा | Dosage of Visham Jwarantak Lauha (Putapakwa) in Hindi

  • 65 मिलीग्राम -125 तुलसी, दिन में दो बार, सुबह और शाम लें।
  • इसे तुलसी के रस / पिप्पली चूर्ण / भुनी हींग / सेंधा नमक चूर्ण + शहद, के साथ लें।
  • दवा का अनुपान रोग पर निर्भर है।
  • या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।
  • आयुर्वेदिक दवाएं जिनमें भारी धातुयें होती हैं उन्हें केवल चिकित्सा की देखरेख में लिया जाना चाहिए।

इस दवा को ऑनलाइन या आयुर्वेदिक स्टोर से ख़रीदा जा सकता है।

Ayurvedic medicines containing detoxified, toxic material/ poisonous substances, heavy metals should be taken only under medical supervision.

This medicine is manufactured by Shree Baidyanath Ayurved Bhawan (Visham Jwarantak Lauh Putpakwa (With Gold)), Dabur (Vishmjwarantak Lauh (Putpakwa) With Gold & Pearl) and some other pharmacies.

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