फलारिष्ट के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

अरिष्ट पाचनशक्ति और भूख को बढ़ाते हैं। इनके सेवन से दस्त साफ़ होता है और आँतों में रुकी गंदगी दूर होती है। यह शरीर से वात / वायु को भी कम करते हैं। अरिष्ट पेशाब की उचित मात्रा लाते है और शरीर पेशाब रुक जाने की समस्या को भी दूर करते हैं। फलारिष्ट, पेट रोगों की अच्छी दवाई है।

फलारिष्ट, एक आयुर्वेदिक दवाई है जिसे चरक संहिता से लिया गया है। फलारिष्ट में मुख्यतः औषधीय फल हैं (चित्रकमूल को छोड़ कर जो की पौधे की जड़ है) जैसे की हरीतकी, आमलकी, इन्द्रायण के फल, पाठा और कैथा। फलारिष्ट, आयुर्वेदिक अरिष्ट है जिसे वनस्पतियों के काढ़े, में गुड़ डाल कर संधान करके बनाया गया है। अरिष्ट पाचनशक्ति और भूख को बढ़ाते हैं।

इनके सेवन से दस्त साफ़ होता है और आँतों में रुकी गंदगी दूर होती है। यह शरीर से वात / वायु को भी कम करते हैं। अरिष्ट पेशाब की उचित मात्रा लाते है और शरीर पेशाब रुक जाने की समस्या को भी दूर करते हैं। फलारिष्ट, पेट रोगों की अच्छी दवाई है।

Phalarishta is an herbal Ayurvedic medicine referenced from Charaka Samhita. This medicine is useful in treatment of variety of diseases. Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

फलारिष्ट के घटक | Ingredients of Phalarishta in Hindi

  1. हरीतकी Haritaki fruits 640 gram
  2. आमलकी Amalki fruits 640 gram
  3. Each 80 gram- इन्द्रायण Indrayan fruits, कैथ Kaitha pulp, पाठा Patha, चित्रकमूल Chitrakmula

फलारिष्ट के फायदे | Benefits of Phalarishta in Hindi

  1. यह विरेचक है और कब्ज़, बवासीर से राहत देती है।
  2. मूत्रल होने से यह पेशाब को खुलकर लाने में सहायक है।
  3. यह पाचनतंत्र की विकृति को दूर करती है।
  4. इसके सेवन से भूख लगती और हाजमा भी ठीक होता है।
  5. यह ग्रहणी रोग की उत्तम दवा है।
  6. यह दीपन-पाचक, पुष्टिकारक और बलवर्धक है।
  7. यह शरीर से गंदगी दूर करती है।
  8. यह रक्त को साफ़ करती है।
  9. यह दिल की कमजोरी, धड़कन , घबराहट को दूर करती है।
  10. यह प्लीहा की वृद्धि, भूख न लगना, पीलिया आदि में भी लाभप्रद है।
  11. यह विषम ज्वर, जैसे की मलेरिया में लाभदायक है।

फलारिष्ट के चिकित्सीय उपयोग | Uses of Phalarishta in Hindi

  1. ग्रहणी
  2. बवासीर / पाइल्स
  3. विषम ज्वर
  4. पांडू, पीलिया, कामला
  5. हृदय रोग
  6. शरीर में वात-मल-मूत्र का अवरोध
  7. पाचन की कमजोरी
  8. कब्ज़ आदि

फलारिष्ट की सेवन विधि और मात्रा | Dosage of Phalarishta in Hindi

  1. यह आयुर्वेद का आसव-अरिष्ट है और इसे १२-२४ मिलीलीटर की मात्रा में लिया जाता है।
  2. इसे पानी की दोगुनी मात्रा में मिलाकर लिया जाता है।
  3. इसे भोजन करने के बाद लें।
  4. या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।

9 thoughts on “फलारिष्ट के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

  1. Mam , कोई ऐसी सिरप बताओ जो मस्तिष्क यादाशत को बढाऐ और पेट कि अनेक प्रोब्लम दोनो म काम आजाऐ।

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