कहरवा पिष्टी के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

भस्म और पिष्टी दोनों ही खनिजों, धातुओं आदि के बहुत ही बारीक औषधीय चूर्ण ही हैं लेकिन दोनों के निर्माण में अंतर है। जहाँ भस्म को आग में तपाया जाता है, पिष्टी में यह नहीं किया जाता। पिष्टियाँ इसलिए स्वभाव में, भस्म से मृदु होती है।

कहरवा पिष्टी को एक और नाम तृणकान्तमणि से भी जाना जाता है। दोनों ही नाम पर्याय है। इसे एक प्रकार के गोंद, जो चमकदार और रंग में पीला होता है, से बनाया जाता है। यदि इसे कपड़े के साथ रगड़ कर तृण अर्थात तिनके के पास रखा जाए तो यह उसे खींच लेता है और इसलिए इसे उर्दू में कहरुवाइया कहते है, और इसी से इसका नाम कहरवा है। यह एक आयुर्वेदिक और यूनानी दवा है।

कहरवा कड़ा, साफ़, और सोने के सामान पीला होता है। इसे हाथ से रगड़ने पर यह गर्म हो जाता है। यह एक नींबू जैसी गंध भी छोड़ता है।

कहरवा पिष्टी बनाने के लिए कहरवा को गुलाब जल की भावना देकर बनाते हैं. इसे बिना आग का प्रयोग किये बनाने पर इसमें इसके औषधीय गुण विद्यमान रहते है। यह तासीर में भी ठंडा रहता है। इसके सेवन से शरीर में अधिक गर्मी के कारण होने वाले रोग नष्ट होते हैं।

पिष्टी और भस्म

यह एक पिष्टी है। पिष्टी का शाब्दिक अर्थ पीस कर बनाया चूर्ण। पिष्टी के निर्माण के लिए जिस पदार्थ की पिष्टी बनानी होती है उसे सर्वप्रथम शोधित या साफ़ किया जाता है। फिर इसे गुलाब जल की भावना देकर सूर्य अथवा चाँद की रौशनी में सुखाया जाता है। भावना दे कर सुखाने का क्रम सात दिन या उससे ज्यादा दिन तक किया जाता है जब तक की उसे पीसने से एकदम बारीक चूर्ण या पाउडर न बन जाए। क्योंकि इसके निर्माण में अग्नि का प्रयोग बिलकुल ही नहीं किया जाता इस कारण से पिष्टी को अनअग्नितप्त भस्म भी कहा जाता है।

भस्म और पिष्टी दोनों ही खनिजों, धातुओं आदि के बहुत ही बारीक औषधीय चूर्ण ही हैं लेकिन दोनों के निर्माण में अंतर है। जहाँ भस्म को आग में तपाया जाता है, पिष्टी में यह नहीं किया जाता। पिष्टियाँ इसलिए स्वभाव में, भस्म से मृदु होती है।

Kaharwa Pishti is also known as Trinkant Mani Pishti. It is used in both, Ayurvedic and Unani medicine. It has Rakt-stambhak, Pitta shamak, Amashay kriya vardhak, hridya, Vrana-shodhak properties. It is indicated to stop Bleeding both internally and externally. Intake of Kaharva Pishti reduces the heat inside body and gives relief in abnormal bleeding from various organs such as nose, vagina, mouth, urethra etc. It is ducted on wounds to stop bleeding.

Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

  • पर्याय Synonym: Kaharuba Pishti, Trinkantmani, Trinkant Mani Pishti
  • उपलब्धता: यह ऑनलाइन और दुकानों में उपलब्ध है।
  • दवाई का प्रकार: पिष्टी, आयुर्वेदिक और यूनानी दवा
  • मुख्य उपयोग: शरीर में पित्त की अधिकता होने के कारण रोग जैसे की अंगों से असामान्य खून गिरना
  • मुख्य गुण: बढ़े पित्त को कम करना, हृदय को ताकत देना
  • औषधीय गुण: संकोचक, रक्त को रोकना, पित्तहर

कहरवा पिष्टी के घटक | Ingredients of Kaharwa Pishti in Hindi

Trinakantamani 1 Part

Gulab arka distilled rose water QS for mardana

कहरवा पिष्टी के फायदे | Benefits of Kaharwa Pishti in Hindi

  1. यह पित्त प्रकोप से उत्पन्न रोगों को नष्ट करती है।
  2. यह पित्त शामक है।
  3. यह हृदय को शक्ति देती है।
  4. यह हृदय की आसामान्य धड़कन को नियमित करती है।
  5. यह पेचिश, अतिसार आदि में लाभप्रद है।
  6. यह शीतल है।
  7. यह रक्त निरोधक है।
  8. कहरवा पिष्टी के चिकित्सीय उपयोग Uses of Kaharwa Pishti
  9. रक्तस्राव के साथ डायरिया (Diarrhea with Bleeding )
  10. खूनी पेचिश (Bacillary dysentery)
  11. रक्तपित्त (Bleeding disorder)
  12. पित्त विकार (Disorder of Pitta Dosha)
  13. रक्त प्रदर, योनि मार्ग से असामान्य खून जाना (Menorrhagia or Metrorrhagia or both)
  14. नकसीर फूटना epistaxis
  15. मूत्र रुक जाना urine retention
  16. चक्कर आना dizziness
  17. ज्यादा प्यास लगना excessive thirst
  18. पसीना ज्यादा आना excessive sweat
  19. घाव पर छिडकने के लिए external wounds
  20. मस्तिष्क में कीड़े पड़ जाना, सिर का कीड़ों के कारण दर्द होना headache due to worms in brain

कहरवा पिष्टी की सेवन विधि और मात्रा | Dosage of Kaharwa Pishti in Hindi

  • 250 mg – 500 mg दिन में दो बार, सुबह और शाम लें।
  • इसे शहद, दूध, मक्खन आदि के साथ लें।
  • पेशाब के साथ खून आने और ब्लीडिंग पाइल्स में इसे दूर्वा के रस के साथ लें।
  • पित्त विकारों में इसे २ रत्ती प्रवाल पिष्टी मिलाकर, आंवले के मुरब्बे के साथ लें।
  • हृदय की कमजोरी में अर्जुनारिष्ट के साथ लें।
  • खूनी अतिसार में कुटजारिष्ट के साथ लें।
  • रक्त प्रदर में अशोकारिष्ट के साथ लें।
  • पेचिश और पाइल्स में ईसबगोल की भूसी के साथ लें।
  • या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।
  • पथ्य: ठंडा दूध, दलिया, मूंग की दाल, ठन्डे पदार्थ

कहरवा पिष्टी की उपलब्धता और कीमत

दवा को ऑनलाइन या आयुर्वेदिक स्टोर से ख़रीदा जा सकता है।

  1. बैद्यनाथ Baidyanath (Kaharwa Pishti Trinkantmani) Price: Rs. 57.00 For 2.5 g
  2. पतंजलि Patanjali Divya Pharmacy (Kaharava Pishti) Price: ₹ 40.00 for 5 g.
  3. श्री धन्वन्तरी हर्बल्स Shree Dhanwantri Herbals (Kaharwa Pishti) Price: Rs. 90.00 For 2.5 g
  4. डाबर Dabur (Kaharva Pishti (TrinKant Mani)) Price: Rs. 87.00 For 2.5 g and many other Ayurvedic pharmacies.

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