अर्श कल्प का बबासीर में उपयोग कैसे करें

दिव्य अर्शकल्प वटी (Divya Arshkalp Vati ) स्वामी रामदेव की दिव्य फार्मेसी में निर्मित आयुर्वेदिक दवा है। इस दवा का प्रयोग बवासीर, भगंदर, व् फिस्चुला Piles, bleeding piles and haemorrhoid के इलाज में होता है।

Divya Arshkalp Vati is Ayurvedic medicine from Swami Ramdev’s Divya pharmacy containing Rasanjana or pure Rasaunt, Karpura (camphor), Haritaki, Bakayan, Naga-dauna. , bark of soap-nut, Kaharava (amber), Khuna-kharaba, Kakamachi and Ghrita-kumari. It is a medicine to treat piles. Here information is given about complete list of ingredients, properties, uses and dosage of this medicine in Hindi.

नीचे इस दवा के घटक, गुण, सेवनविधि, और मात्रा के बारे में जानकारी दी गयी है।

  • निर्माता / ब्रांड: पतंजलि दिव्य फार्मेसी
  • उपलब्धता: यह ऑनलाइन और दुकानों में उपलब्ध है।
  • दवाई का प्रकार: आयुर्वेदिक प्रोप्राइटरी दवाई
  • मुख्य उपयोग: पुरानी कब्ज़, बवासीर / पाइल्स अथवा अर्श
  • मुख्य गुण: विरेचन, एंटीसेप्टिक
  • मूल्य MRP: Divya Arshkalp Vati 40 gram @ ₹ 65.00

दिव्य अर्शकल्प वटी के घटक | Ingredients of Divya Arshkalp Vati in Hindi

Each 500mg tablet Contains

  1. रसोंत शुद्ध Berberis aristata 150.0mg
  2. हरीतकी छोटी Terminalia chebula 100.0mg
  3. बकायन Melia azedarachta 100.0mg
  4. निम्बोली Azadirachta indica 100.0mg
  5. रीठा Sapindus mukorossi 5.0mg
  6. देसी कपूर Cinnamomum comphora 5.0mg
  7. खूनखराबा Daemonorops draco 2.5mg
  8. मकोय Solanum nigrum 12.5mg
  9. घ्रित कुमारी Aloe barbadensis 12.5mg
  10. नाग दोन Artemisia vulgaris 12.5mg

1- रसोंत Rasont or Rasaunt or Rasanjana / Rasanjana, Rasobhuta, Tarksa saila, varsika and Rasagry को दारुहल्दी के तने की छाल और जड़ से बनाया जाता है। इसे बहुत से रोगों में घरेलू उपचार के रूप में पुराने समय से लोग प्रयोग करते रहे हैं। यह रस में मधुर, गुण में लघु, रूक्ष, तथा वीर्य में शीत है। यह कटु विपाक है तथा अरुचि दूर करने वाली है। यह पित्तशामक है और विषतम्भी है।

रसोंत को रक्तार्श, आँखों के रोगों, चमड़ी के रोगों, अल्सर, पीलिया, यकृत-तिल्ली की वृद्धि आदि में प्रयोग करने से लाभ होता है। ब्लीडिंग पाइल्स जिसे रक्तार्श भी कहते हैं, में इसे बाह्य रूप से प्रभावित स्थान को धोने के लिए भी प्रयोग करते हैं। आंतरिक रूप से सेवन पर है यह शरीर में सूजन कम करती है। लीवर के रोगों में इसे यह लाभप्रद है।

2- हरीतकी, में आयुर्वेद में बताये छः रस में से पांच रस पाए जाते हैं। इसमें केवल लवण रस नहीं पाया जाता। यह स्वभाव से गर्म है और मधुर विपाक है। यह दीपन, मेद्य, रसायन, विरेचक आयुष्य, बुद्धिप्रद, चक्षुश्य, और पौष्टिक है। यह कास, श्वास, प्रमेह, कुष्ठ, शोथ आदि को दूर करती है। हरीतकी उदर रोगों के लिए अत्यंत लाभप्रद है। यह विरेचक होने से पुराने कब्ज़ और अर्श में उपयोगी है। दीपन होने से यह पाचन को बेहतर करती है। यह कृमिनाशक है। खट्टे रस से यह वायु दूर करती है, कडवे और मधुर रस से पित्त और कषाय और कटु रस से कफ दूर करती है। इसप्रकार यह शरीर में त्रिदोष को संतुलित करती है।

हरीतकी का सेवन अधिक पित्त, कमजोरी, और गर्भावस्था में नहीं करना चाहिए।

3- नीम, आयुर्वेद में सर्वरोगनिवारिण औषधि है। यह रस में तिक्त है। गुण में लघु-रूक्ष है। तासीर में यह शीतल और कटु विपाक है। कर्म में यह ज्वरघ्न, पित्तहर, ग्राही और रक्तदोषहर है। यह सूजन को दूर करने वाली और बुखार की अत्यंत अच्छी दवाई है।

4- बकाइन कफहर, पित्तहर, रक्तविकारजित, और जलन दूर करता है। इसे मुख्य रूप से प्रमेह, कुष्ठ, विसूचिका, उल्टी, विषमज्वर और पाइल्स में दिया जाता है।

5- काकमाची या मकोय, दर्द निवारक, शोथहर, संकोचक, ज्वरघ्न, यकृत की रक्षा करने वाली, और विरेचक औषधि है। इसे मुख्य रूप से सूजन दूर करने के लिए, शरीर की गर्मी कम करने के लिए, पेट के रोगों,  यकृत के रोगों और एक टॉनिक की तरह प्रयोग किया जाता है।

6- कुमारी, घृत कुमारी, ग्वारपाठा, एलो वेरा का नाम है। रस में यह मधुर-तिक्त, गुण में गुरु, स्निग्ध, पिच्छल, वीर्य में शीत और विपाक में कटु है। यह त्रिदोषहर, शोथहर, वृष्य, और व्रण रोपण है। यह पेट के रोगों, यकृत / लीवर के विकारों, गुल्म समेत प्लीहा और यकृत वृद्धि में लाभप्रद है।

दिव्य अर्शकल्प वटी के मुख्य गुणधर्म | Medicinal Properties of Arshkalp vati in Hindi

  • अनुलोमन: द्रव्य जो मल व् दोषों को पाक करके, मल के बंधाव को ढीला कर दोष मल बाहर निकाल दे।
  • शोथहर: द्रव्य जो शोथ / शरीर में सूजन, को दूर करे।
  • रक्त स्तंभक: जो चोट के कारण या आसामान्य कारण से होने वाले रक्त स्राव को रोक दे।
  • शोधक: द्रव्य जो शरीर की गंदगी को मुख द्वारा या मलद्वार से बाहर निकाल दे।
  • विरेचक: इसके सेवन से मलत्याग में आसानी होती है तथा ये मलाशय की सफाई करने का काम करती है।
  • अर्शोघ्न: अर्श को दूर करने का गुण।
  • दर्दनिवारक: दर्द को दूर करने का गुण।

दिव्य अर्शकल्प वटी के स्वास्थ्य लाभ | Health Benefits of ivya Arshkalp Vati in Hindi

  1. इस दवा में विरेचक गुण हैं।
  2. यह कब्ज़ में राहत देती है।
  3. यह आँतों की सूजन में लाभ करती है।
  4. यह एंटीसेप्टिक है।
  5. यह घावों को जल्दी ठीक करने में मदद करती है।
  6. यह खून से विजातीय पदार्थों को दूर करती है।
  7. यह हर्बल है और लम्बे समय तक लेने के लिए सुरक्षित है।

दिव्य अर्शकल्प वटी के उपयोग | Therapeutic Uses of Arshkalp Vati in Hindi

  1. यह दवा खूनी और बादी बवासीर में दी जाती है। इसका सेवन बवासीर में राहत देता है और बवासीर संबंधी जटिलताओं को कम करता है।
  2. यह दवा अर्श की वजह से होने वाले दर्द और जलन pain, burning sensation को दूर करती है।
  3. रक्तार्श bleeding piles
  4. अर्श dry pile
  5. अर्श के कारण दर्द, जलन complications related to piles
  6. फिश्चूला / भंगदर fistula in ano
  7. आँतों की सूजन inflammatory conditions of intestines
  8. खून में अशुद्धियाँ toxins in blood
  9. लगातार रहने वाला कब्ज़ chronic constipation

दिव्य अर्शकल्प वटी की सेवनविधि और मात्रा | How to take and dosage

  1. इसे लेने की निर्धारित मात्रा 1-2 गोलियाँ हैं।
  2. सटीक मात्रा रोग की स्थिति को देख कर बताई जा सकती है।
  3. इसे दिन में दो बार लेना है।
  4. इसे प्रातः खाली पेट और शाम को खाने से एक घंटा पहले, पानी या छाछ के साथ लेना चाहिए।

सावधानियां

  1. गर्भावस्था में किसी भी दवा का सेवन बिना डॉक्टर के परामर्श के न करें।
  2. खान-पान में आवश्यक बदलाव करें।
  3. सादा खाना खाएं। मिर्च-मसाले, तला भुना भोजन, जंक फूड्स, मैदे से बने पदार्थ, तथा कब्ज़ करने वाला भोजन न खाएं।
  4. पानी पर्याप्त मात्रा में करें।
  5. बहुत अधिक समय तक बैठे न रहें।
  6. कुछ न कुछ व्यायाम अवश्य करें।

Where to buy

आप यह दवा पतंजलि स्टोर या ऑनलाइन खरीद सकते हैं।

28 thoughts on “अर्श कल्प का बबासीर में उपयोग कैसे करें

  1. Maine piles ka operation karaya hai pair bhi vapas piles ho gaye hai iski vajese Gas ho jati hai khana digest nahi hota Aur puri tara se pet saf nahi hota to mai kya karu advice me please reply

  2. Mhje 3 saal se piles ki problem ha bhut sari piles bar ahgya ha bhut mota b hogya ha mane dr ko dikya to bol rh ha iska opertion hi karna padga ..par mhje opertion nh karwana ha mhjse kisna kha ap vaidrishi ka arshkalp use karo use fiyada pardga …kya ma ya la sakta hu .?

  3. me 29 saal h mje delivery k baad se piles ki problem ho gyi h. me baby ko feed krari hu. kya me arshkalp le skti hu. plz btaiye me bahut prshan hu

  4. Mere ko pichale two week stool ke saath do baar blood aaya aur stool karate waqt gudha mei jalan bhi hota hai aapki two packet arshkalp capsules liye ab aaram hai aur blood bhi nahi aaya per gudha me jalan abhi tak hota capsules air Lena chahiye kya koi continue arshkalp nuksaan toh nahi karti hai please send me your suggestions kya issey blood piles complete theek ho jaatey hai

  5. मेरी घर वाली के गुदा द्वार पर एक मस्सा है जब वह हाथ साफ को जाती है तो ब्लड के साथ बहुत तेज़ दर्द होता है वह बहुत परेसान है क्या इस हालत में अर्शकल्प लेना बेहतर है।प्लीज़ बताये।

  6. meri umra lagbhag 29 saal hai aor mere guda dwar ke paas ek massa hai jo kaafi taklif deta hai …kya 500mg arsh kalp ki dawaiya main le skta hu?