हल्दी Turmeric Medicinal Uses in Hindi

हल्दी एक दवाई भी है। जैसे हरीतकी हर रोग को दूर करती है उसी प्रकार हल्दी भी सभी रोगों उपयोगी है। इसके सेवन से रक्त में मौजूद गंदगी दूर होती है और चमड़ी के रोगों में लाभ होता है। बाहरी रूप से लगाने पर भी यह त्वचा की रंगत को सुधारती है। हल्दी डायबिटीज में भी रक्त शर्करा को कम करती है। यह एक ताकतवर एंटीऑक्सीडेंट है जो की शरीर की शरीर को फ्री रेडिकल डैमेज से बचाती है। हल्दी को खाने के असंख्य लाभ है।

Medicinal uses of haldi
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हल्दी का पौधा

हल्दी को कौन नहीं जानता। यह भारतवर्ष में सभी के घरों में हमेशा उपलब्ध रहती है। यह आज से नहीं बल्कि हजारों साल से भोजन में, सौन्दर्य बढ़ाने के लिए, पीले रंग के लिए और औषधि के रूप में प्रयोग की जाती रही है। इसका वर्णन ऋग्वेद, यजुर्वेद, तथा चरक संहिता में भी मिलता है।

हल्दी का पौधा भारत का मूल निवासी है और इस पौधे की कंद रुपी जड़ों को ही ताजा या सुखा के पाउडर के रूप इस्तेमाल होता है। हल्दी भारतीय व्यंजनों में बहुत अधिक प्रयोग की जाती है। इससे बना उबटन त्वचा की रंगत को निखारता है। हिन्दू शादियों में हल्दी लगाने की परंपरा है क्योकि यह बहुत ही शुभ है। इसे वस्त्रों को पीला रंग देने के लिए भी रंजक की तरह प्रयोग किया जाता है।

आइये जाने सर्वसुलभ औषधीय गुणों से भरपूर हरिद्रा या हल्दी के लाभ, औषधीय प्रयोग, गुण, और कुछ हानिप्रद असर के बारे में।

हल्दी की सामान्य जानकारी

हल्दी खेतों में उगाई जाती है। इसके पौधे अदरक के समान दिखते हैं। पत्तों में आम जैसी गंध होती है। पौधे की जड़ या कन्द ही हल्दी के रूप में प्रयोग किया जाता है।

  1. वानस्पतिक नाम: करक्यूमा लोंगा Curcuma longa
  2. कुल (Family): अदरक कुल जिंजीबरेसी Zingiberaceae
  3. औषधीय उद्देश्य के लिए इस्तेमाल भाग: जड़
  4. पौधे का प्रकार: क्षुप herb
  5. वितरण:पूरे भारतवर्ष में

हल्दी के स्थानीय नाम / Synonyms

  1. Latin name: Curcuma longa Linn. Synonym: C. domestica Valeton.
  2. Ayurvedic : Haridraa, Priyaka, Haridruma, Kshanda, Gauri, Kaanchani, Krimighna, Varavarnini, Yoshitapriyaa, Hattavilaasini, Naktaahvaa, Sharvariहरिद्रा, कांचनी, पीता, निशा, हल्दी, योषितप्रिया, गौरी
  3. Unani : Zard Chob ज़र्द चोब
  4. Siddha: Manjal
  5. Assamese : Haldhi, Haladhi
  6. Bengali : Halud, Haldi हलुद
  7. English : Turmeric टर्मरिक
  8. Gujrati : Haldar
  9. Hindi : Haldi, Hardi हरदी, हल्दी
  10. Kannada : Arishina
  11. Kashmiri : Ledar, Ladhir
  12. Malayalam : Manjal
  13. Marathi : Halad
  14. Oriya : Haladi
  15. Punjabi : Haldi, Haldar हर्डल, हरधल
  16. Tamil : Manjal
  17. Telugu : Pasupu
  18. Urdu : Haldi

हल्दी के संघटक

हल्दी में एक प्रकार का सुगन्धित तेल ४-६ प्रतिशत, गोंद होता है। इसमें पीतरंजक पदार्थ, करक्यूमिन C21H20O4 पाया जाता है। करक्यूमिन के कारण हल्दी में इतने औषधीय गुण पाए जाते है। परीक्षण दिखाते हैं करक्यूमिन का प्रयोग कैंसर कोशिकाओं को नष्ट कर करता है।

हल्दी की औषधीय मात्रा

हल्दी को दवा की तरह 1-5 gram अथवा 10-20 ml ताज़ी हल्दी का रस, दिन में दो बार पानी या शहद के साथ लिया जाना चाहिए। इससे ज्यादा मात्रा में हल्दी का सेवन नुकसान करता है।

हल्दी के आयुर्वेदिक गुण और कर्म

आयुर्वेद में हल्दी को चरपरा, कड़वा रूखा, गर्म माना गया है। इसका सेवन कफ नाशक है। ज्यादा मात्रा में इसका सेवन पित्त को बढ़ाता है। यह चमड़ी के रोगों, प्रमेह, खून के विकारों, खून की कमी, पीलिया और घावों को नष्ट करने वाली है।

  1. रस (taste on tongue): कटु, तिक्त
  2. गुण (Pharmacological Action): रुक्ष
  3. वीर्य (Potency): उष्ण
  4. विपाक (transformed state after digestion): कटु
  5. कर्म: कृमिघ्न, कुष्ठाघ्न, वर्ण्य, विषाघ्न, प्रमेहनाशक, कफहर, वातशामक, पित्तरेचन और पित्त शामक, वेदनास्थापन, रूचिवर्धक, कटु, अम्लपाचन, अनुलोमं, रक्तप्रसाधन

आयुर्वेद में इसे हृदय के लिए हानिप्रद कहा गया है। यह प्लीहा और रक्त मज्जा के लिए उत्तेजक है। हल्दी के असर का निवारण करने के लिए नींबू का रस प्रयोग किया जाता है।

हल्दी के औषधीय गुण Medicinal Properties of Turmeric in Hindi

  1. प्रतिजैविक Antibiotic
  2. मधुमेह रोधक Antidiabetic
  3. रोगाणु रोधक antiseptic
  4. ऑक्सीकरण रोधी Antioxidant
  5. प्लेटलेट को चिपकने से रोकने वाली Antiplatelet
  6. कैंसर रोधी Antitumor / anticancer
  7. एलर्जी को रोकने वाली Antiallergic
  8. सूजन को कम करने वाली Antiinflammatory
  9. रक्त शोधक Blood purifier
  10. वातहर CARMINATIVE
  11. बाइल को निकालने वाली Cholagogue
  12. मूत्रल Diuretic
  13. कफ निकालने वाली Expectorant
  14. लिपिड को कम करने का गुण Hypolipidemic
  15. शरीर में गर्मी बढाने का गुण Thermogenic
  16. घाव भरने का गुण Wound healing

हल्दी खाने के फायदे / लाभ Health Benefits of Turmeric in Hindi

  1. यह बलदायक है।
  2. इसमें विटामिन, आयरन और मिनरल्स पाए जाते हैं।
  3. यह खून की कमी को दूर करती है।
  4. यह एंटीऑक्सीडेंट है।
  5. यह सर्दी, खांसी, कफ को दूर करती है।
  6. यह पीलिया रोग में लाभप्रद है।
  7. यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोतरी करती है।
  8. यह शरीर में किसी भी तरह की सूजन को दूर करने में सक्षम है।
  9. यह एलर्जीरोधक है।
  10. यह गर्भाशय और शुक्र का शोधन करती है।

हल्दी के औषधीय इस्तेमाल Medicinal Uses of Turmeric हल्दी के दवा की तरह कुछ उपयोग

अंदरूनी चोट, शरीर में सूजन swelling, internal injury

हल्दी वाला दूध पियें।

कीड़ा काटने पर insect sting

हल्दी का रस लगायें।

कान का दर्द pain in ear

हल्दी के पाउडर और सफ़ेद फिटकरी के बारीक पाउडर को बराबर मात्रा में मिलाकर, कान में एक चुटकी की मात्रा में डालें।

कृमि, पेट के कीड़े intestinal parasites

  1. ताज़ी हल्दी का रस एक चम्मच की मात्रा में पियें।
  2. हल्दी पाउडर को गुड़ के साथ लें।

खांसी, सर्दी लगना, कफ cough

  1. हल्दी वाला दूध पियें।
  2. ताज़ी हल्दी और अदरक का रस मिलकर एक चम्मच की मात्रा में लें।
  3. हल्दी की गाँठ को सेंक लें और रात को सोते समय मुंह में रखें।

गले में सूजन inflammation in throat

कच्ची हल्दी को अदरक के रस और गुड़ के साथ मिलाकर सेवन करें।

कम प्रतिरोधक क्षमता Low immunity

हल्दी का १/२ चाय की चम्मच की मात्रा में नियमित सेवन करें।

चमड़ी के रोग, कंडू, खुजली skin diseases

  1. हल्दी का चूर्ण खाएं या ताज़ी हल्दी का जूस पियें।
  2. हल्दी को तिल के तेल में मिलाकर प्रभावित जगह पर लागएं।

चोट लगना, खून बहना cut, bleeding

हल्दी और फिटकी के बारीक पाउडर को प्रभावित जगह पर लगायें।

झाइयां

हल्दी को पीपल या बरगद के दूध में मिलाकर प्रभावित जगह पर दिन में दो बार लगायें।

बवासीर piles

  1. हल्दी की गाँठ को भून लें और पीस पर पाउडर बना लें। इसे ३ ग्राम की मात्रा में एलोवेरा के साथ मिलाकर दिन में दो बार, एक सप्ताह तक लें।
  2. बवासीर में थूहर के दूध में हल्दी मिलाकर बाहरी रूप से लेप करें।

बार बार पित्ती उछलना, शरीर पर लाल रैशेस होना, जलपुत्ती होना urticaria, allergy

१ चम्मच हल्दी को दूध में मिलाकर रोज़ पियें। ऐसा कुछ महीनों तक नियमित करें।

पीलिया jaundice

हल्दी को छाछ में मिलाकर सेवन करें।

पायरिया pyorrhea

हल्दी, नमक और सरसों का तेल मिलाकर, ऊँगली की सहायता से मसूड़ों की मालिश करें।

भूख न लगना low appetite

हल्दी को १-३ ग्राम की मात्रा में लेने से भूख न लगना की समस्या दूर होती है।

मधुमेह diabetes

मधुमेह में हल्दी और आंवला पाउडर को मिला कर रख लें और रोज़ाना १ चम्मच की मात्रा में दिन में दो बार खाएं। या ताज़ी हल्दी का १०-२० ml जूस दिन में दो बार पियें।

मोच आना sprain

  1. एलो वेरा के पत्ते का गूदा निकाल कर उसे एक बर्तन में रख लें। इस पर हल्दी छिडकें और गर्म करें। जब हल्दी उबलने सी लगे तो स्टोव बंद कर दें। इस गूदे को सहते हुए ताप पर कपड़े की सहायता से प्रभावित जगह पर लगा लें। कुछ घंटों पर दुबारा लगायें।
  2. हल्दी को पानी में पीसकर उसका गरम लेप मोच वाली जगह पर कर दें।
  3. हल्दी और प्याज को पीसकर मोच वाले स्थान पर बांधें। इससे दर्द में आराम मिलेगा तथा सूजन उतर जाएगी।

सफ़ेद दाग leukoderma

हल्दी का तेल प्रभावित जगह पर लगाएं।

हाथी पाँव filaria

गौमूत्र में हल्दी पाउडर मिलाकर सेवन करें।

हल्दी के कुछ नुकसान Side effects of Turmeric in Hindi

  1. हल्दी का मसाले की तरह दैनिक प्रयोग किसी भी तरह का हानिप्रद प्रभाव नहीं डालता। दवा की तरह प्रयोग करते समय इसके निम्लिखित प्रभावों को अवश्य ध्यान में रखें।
  2. यह ब्लड शुगर को कम करती है।
  3. यह तासीर में गर्म है।
  4. यह शरीर के अन्दर ड्राईनेस / रूक्षता करती है। यह कब्ज़ कर सकती है।
  5. यह गैस बना सकती है।
  6. पित्त प्रवृति के लोग इसका सेवन कम मात्रा में करे।
  7. नाक से खून आता हो, ब्लीडिंग डिसऑर्डर हो तो इसे दवा की तरह न लें।
  8. रूक्ष गुणों के कारण यह त्वचा का सूखापन बढ़ा सकती है।
  9. जिन्हें गाल-ब्लैडर की पथरी हो वो इसका सेवन दवा की तरह न करे।
  10. गर्भावस्था में दवा की तरह इसे न लें।
  11. हल्दी में एंटीफर्टिलिटी गुण है। यह स्पर्म संख्या कम कर सकती है।
  12. सर्जरी के दौरान इसका सेवन दवा की तरह न करें।
  13. शरीर में अधिक गर्मी हो तो इसका सेवन न करें।

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